कानपुर में साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। ठगों ने देश के प्रतिष्ठित JK ग्रुप की एक सहायक कंपनी को निशाना बनाया और खुद को कंपनी का प्रबंध निदेशक (MD) बताकर करीब 2 करोड़ रुपये की ठगी कर ली।
घटना 20 जुलाई की है, जब JK ग्रुप की यदुपति ट्रेड बिज़ प्राइवेट लिमिटेड के एक कर्मचारी को व्हाट्सएप पर एक संदिग्ध नंबर से मैसेज आया। इस नंबर पर JK ग्रुप के एमडी राघव सिंघानिया की तस्वीर लगी थी, जिससे कर्मचारी को कोई संदेह नहीं हुआ। ठग ने खुद को कंपनी का एमडी बताते हुए कहा कि एक बड़ी बिज़नेस डील को फाइनल करने के लिए तुरंत 1.97 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने होंगे।
कर्मचारी ने बिना पुष्टि के ट्रांसफर कर दिए रुपये
जैसे ही कर्मचारी को यह लगा कि कंपनी के एमडी सीधे निर्देश दे रहे हैं, उसने बिना किसी जांच-पड़ताल के बताए गए खातों में रकम ट्रांसफर कर दी। कुछ समय बाद जब उसी कर्मचारी की मुलाकात असली एमडी राघव सिंघानिया से हुई, तो पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
एमडी ने साफ किया कि उन्होंने ऐसा कोई निर्देश या मैसेज नहीं भेजा। इसके बाद कर्मचारी ने तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
1.28 करोड़ रुपये फ्रीज, जांच जारी
साइबर सेल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए विभिन्न खातों में ट्रांसफर की गई रकम में से 1.28 करोड़ रुपये फ्रीज करवा दिए हैं। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और उनकी तलाश शुरू कर दी है।
साइबर अधिकारियों का मानना है कि यह ठगी एक संगठित गिरोह द्वारा की गई है जो सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर प्रसिद्ध हस्तियों की तस्वीरें और नाम का दुरुपयोग कर लोगों को भ्रमित करता है।
पुलिस की अपील: सतर्क रहें, पुष्टि के बिना न करें ट्रांजेक्शन
पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स ने कंपनियों और आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी वित्तीय लेनदेन से पहले संबंधित व्यक्ति या संस्था से फोन पर या आमने-सामने संपर्क कर पुष्टि जरूर करें। कोई भी संदिग्ध या अनजान नंबर से आने वाले मैसेज पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।
इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि साइबर ठग अब न केवल आम नागरिकों, बल्कि प्रतिष्ठित कंपनियों को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं। सतर्कता और जागरूकता ही इससे बचने का एकमात्र तरीका है।