बालोद जिले के डौंडी ब्लॉक के वनांचल ग्राम ओड़ गांव के जंगल में 2 साल की मादा हिरण की मौत हो गई। रविवार सुबह बस्ती क्षेत्र से सटे जंगल में उसका पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद नियमानुसार अंतिम संस्कार किया गया।
वन विभाग के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि हिरण गर्भवती थी। उसके शरीर पर तीन स्थानों पर चोट के निशान भी पाए गए हैं। जिससे आशंका है कि गिरने या टकराने से यह चोटें आई होगी।
कुत्तों ने घेर कर दौड़ाया, घबराहट से मौत
ग्रामीणों के मुताबिक, शनिवार शाम को हिरण का झुंड जंगल से विचरण करते हुए गांव की सीमा तक आ गया था। इसी दौरान कुत्तों के झुंड ने एक मादा हिरण को चारों ओर से घेर लिया। घबराहट में वह काफी देर तक इधर-उधर दौड़ती रही। इसी दौरान घबराहट से उसकी मौत हो गई।
बेहद संवेदनशील प्राणी होते हैं हिरण- SDO
दल्लीराजहरा वन विभाग के एसडीओ जीवन लाल सिन्हा ने बताया कि हिरण बेहद संवेदनशील प्राणी होते हैं। जब वे डर या दबाव की स्थिति में होते हैं, तो घबराहट से उनकी जान तक जा सकती है। मादा हिरण का पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया है।
ढाई महीने में हिरण की चौथी मौत
इससे पहले भी इस इलाके में हिरणों की मौत के तीन मामले सामने आ चुके हैं। ग्राम घोटिया में कुत्तों के पीछा करने से एक हिरण की मौत हो गई थी। वहीं तांदुला जलाशय किनारे लकड़बग्घे ने दो हिरणों को मारकर आधा खा लिया था। ओड़ गांव की यह घटना मिलाकर बीते ढाई महीने में हिरणों की चौथी मौत है।