उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के छांगुर बाबा के धर्मांतरण सिंडिकेट और विदेशी फंडिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी की लखनऊ जोनल ऑफिस टीम ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत बलरामपुर के उतरौला इलाके में स्थित 13 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है. इनकी कुल कीमत 13.02 करोड़ रुपए बताई गई है.
ईडी की जांच में सामने आया कि ये संपत्तियां छांगुर बाबा के राजदार नीतू नवीन रोहरा के नाम पर खरीदी गई थीं. ईडी ने इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश एटीएस लखनऊ की दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. एफआईआर में बड़े पैमाने पर अवैध धार्मिक परिवर्तन, विदेशों से आने वाली फंडिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों के आरोप लगाए गए थे.
जांच में खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने बलरामपुर की चांद औलिया दरगाह से एक संगठित नेटवर्क खड़ा किया था. यहां नियमित रूप से धार्मिक जमावड़ा हुआ करता था. इनमें देश-विदेश दोनों जगहों से लोग शामिल होते थे. आरोप है कि इस नेटवर्क के जरिए दलित और आर्थिक रूप से कमजोर हिंदूओं को निशाना बनाया जाता था. उनका धर्मांतरण करवाता जाता था.
ईडी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, छांगुर बाबा ने दुबई में रहने वाले व्यापारी नवीन रोहरा के साथ मिलकर एक सुनियोजित साजिश रची. इसके लिए नवीन रोहरा की दुबई स्थित कंपनी United Marine FZE के बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया. इस खाते में संदिग्ध सोर्स से 21.08 करोड़ रुपए जमा किए गए. इस रकम को बाद एनआरई और एनआरओ अकाउंट्स के जरिए भारत भेजा गया.
इन पैसों से उतरौला में नवीन रोहरा की पत्नी नीतू रोहरा के नाम पर जमीन और अन्य संपत्तियां खरीदी गईं. इस केस में ईडी पहले ही दो अहम गिरफ्तारियां कर चुकी है. छांगुर बाबा को 28 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया था, जबकि नवीन रोहरा को 4 अगस्त 2025 को हिरासत में लिया गया. दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. अदालत की निगरानी में केस की सुनवाई चल रही है.