शहर के बाहरी इलाके में सात साल की बच्ची पे दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 20 साल की कारावास सजा और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है, वहीं पीड़िता के भविष्य को देखते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है. 6 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा. शहर के बाहरी इलाके के एक गांव में रहने वाली 7 साल की बच्ची दो साल पहले घर से थोड़ी दूर दूसरी लड़कियों के साथ महुदा बुनाई करने गई थी. उस वक्त चचेरा भाई ने बच्ची को यह कहकर अपने साथ ले गया कि वह उसे कहीं और महुदो बुनने के लिए ले जायेगा.
महुदो बुनाई करने के लिए कुछ दूर जाने के बाद चचेरा भाई ने बच्ची का हाथ पकड़कर चॉकलेट दिलाने की बात कहकर दुकान में ले गया. वहां जाकर उसने लड़की को जमीन पर लिटा दिया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. इस संबंध में जवाहरनगर थाने में अपराध दर्ज कराया गया. इस मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता और उसके माता-पिता अपने बयान से पलट गए. हालांकि, अन्य सबूतों पर विचार करते हुए, विशेष POCSO न्यायाधीश प्रियंका अग्रवाल ने आरोपी को दोषी घोषित किया और उसे 20 साल के कठोर कारावास और 20,000 के जुर्माने की सजा सुनाई. पीड़ित मुआवजा योजना के तहत पीड़िता को 6 लाख मुआवजा देने को कहा गया है. सरकार की ओर से वकील रामसिंह चौहान ने पैरवी की थी.