उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नकली दवाओं के कारोबार के खिलाफ एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. आगरा के हे-मां मेडिको एजेंसी के मालिक हिमांशु अग्रवाल को गिरफ्तार कर नकली दवाओं के एक विशाल नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया है. इस कार्रवाई में एसटीएफ ने हिमांशु के पास से एक करोड़ रुपए नकद, 500-500 रुपए की 200 गड्डियां और भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की हैं. हाल के महीनों में इस अवैध कारोबार पर नकेल कसने की मुहिम तेज कर दी है.
हिमांशु अग्रवाल, जो मूल रूप से आगरा का रहने वाला है, पिछले 20 सालों से नकली दवाओं के कारोबार में लिप्त था. शुरुआत में एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ उसका कारोबार धीरे-धीरे 12 राज्यों तक फैल गया. यूपी एसटीएफ के अनुसार, हिमांशु की हे-मां मेडिको एजेंसी नकली दवाओं की सप्लाई का एक बड़ा केंद्र थी, जो ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन और नारकोटिक्स औषधियों सहित कई नकली दवाओं का वितरण करती थी. यह नेटवर्क न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी सक्रिय था, जिससे मरीजों की जान को गंभीर खतरा पैदा हो रहा था.
कैसे हुआ खुलासा?
यूपी एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि आगरा में हे-मां मेडिको एजेंसी के जरिए भारी मात्रा में नकली दवाएं सप्लाई की जा रही हैं. इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने 5 नवंबर 2024 को आगरा में छापेमारी की, जिसमें 1.36 करोड़ रुपए की नकली दवाएं जब्त की गईं. इस ऑपरेशन के दौरान हिमांशु अग्रवाल को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में उसने अपने नेटवर्क और नकली दवाओं की सप्लाई चेन के बारे में कई अहम खुलासे किए.
छापेमारी के दौरान एसटीएफ ने हिमांशु के ठिकानों से एक करोड़ रुपए नकद बरामद किए, जिसमें 500-500 रुपए की 200 गड्डियां शामिल थीं. इसके अलावा, ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन और अन्य नकली दवाओं का बड़ा जखीरा भी जब्त किया गया. अधिकारियों का कहना है कि यह नकली दवाएं न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक थीं, बल्कि इनका इस्तेमाल पशु चिकित्सा में भी किया जा रहा था, जिससे दवा माफियाओं की लापरवाही की गंभीरता और बढ़ जाती है.