उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है, जो दुनिया के अधिकांश देशों से कटा हुआ है. यहां तानाशाह किम जोंग उन का शासन है. अक्सर यहां के शासक के अजीबोगरीब आदेश और फैसले सुर्खियों में रहते हैं. इसी कड़ी में अब वहां आयोजित हुई एक प्रतियोगिता चर्चा में है.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में इस सप्ताह कुत्ते का मांस पकाने की राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित की गई. जैसा कि सरकारी मीडिया ने बताया है. इसमें देश भर से लगभग 200 शेफ शामिल हुए.
क्यों कहा जाता है इसे स्वीट मीट इवेंट
यहां कुत्ते को ‘स्वीट मीट’कहा जाता है. इसलिए इस प्रतियोगिता का नाम भी ‘स्वीट मीट’ कॉम्पिटिशन रखा गया था. इसमें भाग लेने वाले सभी रसोइये इस विवादास्पद व्यंजन को तैयार करने में अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए थे.
चार दिनों तक चली ये प्रतियोगिता
यह कार्यक्रम किम जोंग उन शासन द्वारा आयोजित किया गया था. राजधानी के रयोम्योंग स्ट्रीट स्थित फूड फेस्टिवल हाउस में ये इवेंट आयोजित किया गया तथा इस मंगलवार से शुरू होकर चार दिनों तक चला.
आकर्षण का केंद्र था कुत्ते का मांस का सूप
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) द्वारा जारी फुटेज में शेफ को कुत्ते के मांस से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाते हुए दिखाया गया. इसमें देश का पारंपरिक कुत्ते के मांस का सूप या टैंगोगी भी शामिल था. यह प्रतियोगिता के आकर्षण का केंद्र था.
सरकारी कोरियन सेंट्रल टेलीविजन ने दावा किया कि इस वर्ष की प्रतियोगिता में पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी संख्या में प्रतिभागी शामिल हुए तथा प्रतिभागी देश के सभी कोनों से आये थे. स्वीट मीट के सूप को गर्मी के मौसम में ऊर्जा का पारंपरिक स्रोत बताया गया और दावा किया कि इस कुक-ऑफ का उद्देश्य पाक कला के मानकों को ऊंचा उठाना और मांस पकाने की जानकारी साझा करना था.
उत्तरी अमेरिका में भी प्रचलित है स्वीट मीट
उत्तरी अमेरिका में लंबे समय से खाए जा रहे कुत्ते के मांस को सरकार द्वारा देश के सीमित आहार के हिस्से के रूप में आधिकारिक तौर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं उत्तर कोरिया ने तो 2022 में मीठे मांस के सूप को ‘स्थानीय सांस्कृतिक विरासत’ के रूप में पंजीकृत करा दिया है.
दक्षिण कोरिया कुत्ते के मांस पर लगाने जा रहा प्रतिबंध
यह कदम पड़ोसी दक्षिण कोरिया के बिल्कुल विपरीत है, जहां पिछले साल पारित एक कानून के तहत फरवरी 2027 से कुत्ते के मांस के उत्पादन, वितरण और बिक्री को अवैध बना दिया जाएगा.
खाद्यान्न की कमी से जूझ रहा नॉर्थ कोरिया
यह असामान्य प्रतियोगिता ऐसे समय में आयोजित की गई. जब उत्तर कोरिया में खाद्यान्न की दीर्घकालिक कमी है. इस प्रतियोगिता के जरिए नॉर्थ कोरिया अपनी संस्कृति पर प्रकाश डालने के बहाने देश की जनता का ध्यान लंबे समय से चली आ रही अनाज की कमी से हटाना चाहता है, जिससे वहां की जनता लंबे समय से परेशान है.