किसानों के खाते में आज आएंगे 2000 रुपये, पीएम मोदी 11 बजे जारी करेंगे सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त

पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त का इंतजार अब खत्म होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 2 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे. इसी के साथ देशभर के 9.7 करोड़ किसानों के खाते में 2000 रुपये पहुंच जाएंगे.

कितने बजे आएंगे पीएम किसान योजना के पैसे?
पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के पैसे किसानों के खाते में 02 अगस्त को ट्रांसफर किए जाएंगे. पीएम मोदी का वाराणसी में सुबह 11 बजे कार्यक्रम शुरू होगा. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे.

किन किसानों को मिलेगा 20वीं किस्त का लाभ?
पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त (PM Kisan 20th Installment) का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनकी जानकारी आधिकारिक पोर्टल पर सही और अपडेटेड है. जिसमें e-KYC, बैंक डिटेल्स एवं जमीन के कागज अपडेट होने जरूरी हैं. ऐसे में किसानों को आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर बेनिफिशियरी लिस्ट (PM Kisan Beneficiary List) में अपना नाम एवं स्टेटस चेक कर सकते हैं.

ऐसे चेक करें बेनिफिशयरी लिस्ट में नाम है या नहीं-

आधिकारिक वेबसाइट: https://pmkisan.gov.in पर जाएं.
– “Farmer Corner” में जाकर “Beneficiary Status” पर क्लिक करें.
– अपना राज्य, जिला, ब्लॉक और गांव चुनें.
– अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर दर्ज करें.
– सभी जानकारी भरने के बाद “Get Report” पर क्लिक करके अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं.

पीएम किसान योजना के लिए पात्रता
सरकार ने पीएम-किसान योजना के लिए कुछ नियम बनाए हैं. जिसमें किसानों का आधार कार्ड उनके बैंक खाते से लिंक होना और e-KYC कराना जरूरी है. साथ ही जमीन का सत्यापन भी अनिवार्य है.

अब तक 19 किस्तों में किसानों को मिले 3.69 लाख करोड़ रुपये
पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त से पहले अब तक 19 किस्तों में 3.69 लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं. केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना शुरू की थी. जिसके तहत देश के करोड़ों गरीब किसानों की आर्थिक मदद के लिए हर साल 6,000 रुपये दिए जाते हैं, जो तीन किस्तों में सीधे किसानों के खाते में पहुंचते हैं.

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