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हेरोइन तस्करी रैकेट का 20वां आरोपी गिरफ्तार:पंजाब से चिट्टा की तस्करी कर दुर्ग-भिलाई में वॉट्सएप ग्रुप बनाकर करते थे सौदा, पैसे का ऑनलाइन ट्रांजक्शन

दुर्ग जिले में पंजाब से हेरोइन (चिट्टा) की तस्करी कर खरीदी-बिक्री करने वाले गिरोह के खिलाफ पुलिस लगातार छापेमार कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने सोमवार को गिरोह के 20वें आरोपी आयुष बंसल निवासी हाउसिंग बोर्ड जामुल को गिरफ्तार किया है।

आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस गिरफ्तार हुए इन आरोपियों की निशानदेही पर बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है। एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि, हम इस पूरे चैनल को जड़ से खत्म करेंगे।

सोशल मीडिया पर फैला कारोबार, पुलिस ने जब्त किया मोबाइल

पुलिस की गिरफ्त में आरोपियों पर सख्ती की जा रही है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि, वे पंजाब से मंगाए गए चिट्टा की खरीदी बिक्री के लिए वॉट्सऐप पर ग्रुप बनाया था। इसी ग्रुप में ही सभी ग्राहकों से खरीदी-बिक्री तय होती थी। वहीं हेरोइन की कहां सप्लाई करनी है। इसके लिए वॉट्सऐप कॉल किया जाता था।

इधर भुगतान के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को ही प्राथमिकता दी जाती थी। जरूरत के हिसाब से कैश भी भुगतान लिया जाता था। पुलिस ने इस अपराध में नशे की सप्लाई चेन को संचालित करने में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल को भी आरोपी से जब्त किया है। पंजाब से जुड़े इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं।

ऑपरेशन विश्वास के तहत अब तक 20 गिरफ्तार

दुर्ग जिले में नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने विशेष अभियान “विश्वास” चलाने के निर्देश दिए हैं। थाना मोहन नगर पुलिस और एसीसीयू टीम की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

इस गिरफ्तारी के साथ अब तक इस बड़े नशा तस्करी रैकेट में कुल 20 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपी संगठित तरीके से पंजाब से चिट्टा (हेरोइन) की अवैध खेप मंगाकर दुर्ग-भिलाई तक सप्लाई करते थे।

सबकी अलग-अलग जिम्मेदारी

पुलिस की जांच में सामने आया है कि नशे के व्यापार में शामिल ये सभी आरोपी एक-दूसरे के निरंतर संपर्क में रहकर योजनाबद्ध तरीके से नशे की खरीद-फरोख्त करते थे। इस गैंग के सदस्य संगठित होकर हेरोइन लाने, बांटने और बेचने का काम करते थे।

हर सदस्य की जिम्मेदारी पहले से ही तय होती थी। सभी अपने हिस्से का काम करते थे। पुलिस को संदेह है कि अभी और भी आरोपी इस नेटवर्क में शामिल हैं। उनकी पहचान की जा रही है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

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