छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत शुक्रवार को सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. बीजापुर जिले में विभिन्न ऑपरेशन में कोबरा कमांडो और पुलिस ने 22 कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. सुरक्षा बलों ने इनके पास से आधुनिक हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए हैं. इसके साथ ही सुकमा के बड़ेसेट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक्स यह जानकारी साझा की है और सुरक्षा बलों और छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई दी है. शाह ने कहा कि सुकमा के बड़ेसेट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिससे यह पंचायत पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो गई है. इसके साथ ही उन्होंने छिपे हुए नक्सलियों से भी अपील की है कि वे मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाएं और जल्द से जल्द हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हों.
छिपे हुए नक्सलियों से शाह की अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, ‘नक्सल मुक्त भारत अभियान की दिशा में इस सफलता के लिए मैं सुरक्षा बल के जवानों और छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई देता हूं. छिपे हुए नक्सलियों से मेरी अपील है कि मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाकर यथाशीघ्र हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हों. 31 मार्च 2026 से पहले हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने क लिए संकल्पित हैं.’
साथ ही, सुकमा (छत्तीसगढ़) में अन्य 22 नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया, जिससे सरेंडर करने वालों की कुल संख्या बढ़कर 33 हो गई है।
नक्सलमुक्त भारत अभियान की दिशा में इस सफलता के लिए मैं सुरक्षा बल के जवानों और छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई देता हूँ।
एक नक्सली दंपत्ति पर 8-8 लाख रुपए का था इनाम
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को 9 महिलाओं समेत 22 नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जबकि बाद में दो महिलाओं समेत 11 अन्य नक्सलियों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया. जिससे सरेंडर करने वालों की कुल संख्या बढ़कर 33 हो गई है. सरेंडर करने वालों में कई नक्सलियों पर आठ-आठ लाख रुपए के इनाम घोषित थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में आठ-आठ लाख रुपए के इनामी नक्सली मुचाकी जोगा और उसकी पत्नी मुचाकी जोगी ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. उन्होंने बताया कि मुचाकी जोगा नक्सलियों की पीएलजीए कंपनी नंबर एक में डिप्टी कमांडर है तथा जोगी सदस्य है. वहीं, दो नक्सलियों पर पांच-पांच लाख रुपए के इनाम, 11 के ऊपर दो-दो लाख वहीं, नक्सली पुनेम जोगा और नुप्पो पोज्जे पर 50-50 हजार रुपए का इनाम था.
एसपी ने बताया नक्सलियों ने क्यों किया सरेंडर?
सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने ‘खोखली’ और ‘अमानवीय’ माओवादी विचारधारा और स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचारों से निराश होकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है. एक अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा. बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने अगले साल 31 मार्च तक पूरे देश में नक्सलवाद मुक्त का संकल्प लिया है.