छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारी नियमितीकरण और 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 22 दिनों से हड़ताल पर हैं। मंगलवार को नवा रायपुर में कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह के माध्यम से विरोध जताया। इस दौरान एक महिला कर्मचारी तालाब में कूद गई, जिसे वहां मौजूद गोताखोरों ने सुरक्षित बाहर निकाला।
दुर्ग के शीतला मंदिर तालाब में 150 से अधिक कर्मचारी “रघुपति राघव राजा राम” गाते हुए जल समाधि में उतरे। महिला कर्मचारी भी इसमें शामिल हुईं। वहीं, सरगुजा में कर्मचारियों ने 240 फुट लंबी चुनरी के साथ यात्रा निकाली और महामाया मंदिर में पूजा-अर्चना कर सरकार की सद्बुद्धि के लिए दीप जलाए।
NHM कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अब केवल आश्वासन पर्याप्त नहीं हैं, ठोस निर्णय चाहिए। यदि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाती, तो कर्मचारी विधानसभा का घेराव और मंत्रियों एवं विधायकों के घरों के बाहर उग्र प्रदर्शन करेंगे।
इससे पहले रायपुर में 1600, दुर्ग में 850 और रायगढ़ में 500 कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा सौंपा। स्वास्थ्य विभाग ने 25 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया, जिनमें NHM संघ के प्रमुख पदाधिकारी शामिल थे। इसके बाद कर्मचारियों का विरोध और तेज हो गया। कर्मचारियों ने अलग-अलग प्रकार के प्रदर्शन किए, जिसमें पैरोडी गाने, डांस और खून से लिखे गए खत शामिल थे।
18 अगस्त से हड़ताल पर बैठे कर्मचारी स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रहे हैं। कई सरकारी अस्पतालों में ओटी और प्रसव सेवाएं बंद हैं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं बाधित हैं और नियमित कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन बातचीत के रास्ते बंद कर चुका है और प्रदर्शन ही उनका एक मात्र विकल्प है।
भाजपा सांसदों ने कर्मचारियों की मांगों को जायज बताया है, जबकि कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चुनाव में NHM कर्मचारियों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए थे। कर्मचारियों ने दावा किया कि चुनाव के समय उन्हें 100 दिनों में नियमित करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन 20 महीनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रदेश भर में NHM कर्मचारियों का धरना, रैली और प्रदर्शन जारी है। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की संवेदनशीलता और कर्मचारियों की मांगों की गंभीरता को उजागर किया है।
इस तरह, छत्तीसगढ़ में NHM कर्मचारियों की हड़ताल ने प्रशासन और सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है और स्वास्थ्य सेवाओं की सुचारु संचालन पर असर डाला है।