सूरजपुर : एक बार फिर सरकारी दफ्तरों में व्याप्त रिश्वतखोरी की काली हकीकत सबके सामने आ गई सूरजपुर तहसीलदार कार्यालय में पदस्थ बाबू जुगेश्वर राजवाड़े को एसीबी की टीम ने आज रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया.बाबू पर आरोप है कि वह जमीन के नामांतरण के एवज में 25,000 रुपये की मांग कर रहा था.
शिकायत मिलते ही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जाल बिछाकर आरोपी को रिश्वत लेते ही पकड़ लिया.इस कार्रवाई से पूरे राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है और जनता में आक्रोश के साथ उम्मीद की एक किरण भी दिखाई दी है.
राजस्व विभाग में पैसों का खेल — कितने और फंसे हैं इस दलदल में?
यह केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस सड़े हुए तंत्र की परतें खुलने की शुरुआत है, जहां हर दस्तावेज, हर फाइल, हर नामांतरण एक “रेट” पर बिकता है.
लोगों का कहना है कि पटवारी से लेकर बाबू और तहसीलदार तक — सबकी जेब गर्म किए बिना काम नहीं होता.हर कदम पर आम नागरिक को अपमान, विलंब और घूस की ज़िल्लत झेलनी पड़ती है.
भ्रष्टाचार पर लगे ताले की पहली चाबी?
स्थानीय निवासी, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि एसीबी की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं, लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि — क्या इस कार्रवाई के बाद पूरी श्रृंखला तक जांच पहुंचेगी? क्या केवल एक बाबू की गिरफ्तारी से गंगोत्री साफ हो जाएगी?
जनता की मांग — अब और नहीं!
भ्रष्टाचारियों की पूरी चेन को उजागर किया जाए.
राजस्व विभाग में पारदर्शी डिजिटल प्रक्रिया हो लागू.
सभी लंबित शिकायतों की खुले मंच पर जांच हो
शिकायतकर्ता को सुरक्षा और गुप्त पहचान दी जाए.
“अगर ACB हर सप्ताह ऐसे अभियान चलाए, तो तहसील और दफ्तरों से घूस की दुर्गंध खत्म हो सकती है” — सूरजपुर के नागरिकों की आवाज.