मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में आयोजित एक धार्मिक भंडारे में परोसे गए हलवे से बड़ा हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि हलवा जिस घी से बनाया गया था, वह इंसानों के खाने योग्य नहीं था। इस मिलावटी घी से बने हलवे को खाने के बाद 250 से ज्यादा लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उल्टी और दस्त की शिकायत होने पर सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यह मामला कोलारस तहसील के मोहराई गांव का है, जहां रविवार रात गणेश उत्सव के अवसर पर भंडारा आयोजित किया गया था। भंडारे में प्रसाद के रूप में हलवा परोसा गया। कुछ ही देर में लोगों को उल्टी-दस्त की तकलीफ शुरू हो गई और हालात बिगड़ते देख स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अब तक 175 लोगों का इलाज किया जा चुका है। राहत की बात यह है कि किसी की हालत गंभीर नहीं बताई जा रही है।
जब प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जांच की तो पाया कि जिस डिब्बे के घी से हलवा तैयार किया गया था, उस पर साफ-साफ लिखा था कि यह इंसानों के खाने के लिए उपयुक्त नहीं है। इसके बावजूद उसी घी का इस्तेमाल भंडारे में कर दिया गया। इस लापरवाही ने सैकड़ों ग्रामीणों की जान खतरे में डाल दी।
एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घी व अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह घी पूरी तरह से नकली और खतरनाक था। जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही गांव में निगरानी के लिए स्वास्थ्य टीम को तैनात किया गया है।
इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब डिब्बे पर साफ चेतावनी थी, तब आखिर ऐसे घी का इस्तेमाल क्यों किया गया। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना त्योहार की खुशियों के बीच एक बड़ी सीख छोड़ गई कि प्रसाद या भोजन तैयार करते समय लापरवाही लोगों की जान तक ले सकती है।