भारत आएगा 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की अर्जी हुई खारिज 

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अब भारत प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है. अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा की वो अर्जी खारिज कर दी है, जिसमें उसने अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी. यह फैसला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित एक नोटिस के जरिए सामने आया.

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64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. वो वर्तमान में लॉस एंजेलिस स्थित मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है. राणा ने 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट जस्टिस ऐलेना कगन के सामने एक ‘आपातकालीन याचिका’ दाखिल की थी, जिसमें उसने ‘हैबियस कॉर्पस याचिका की सुनवाई तक प्रत्यर्पण पर रोक” लगाने की मांग की थी

हालांकि, पिछले महीने जस्टिस कगन ने राणा की यह याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद राणा ने अपनी याचिका को फिर से पेश किया और मांग की कि इसे मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष भेजा जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका को 4 अप्रैल, 2025 की ‘कॉनफ्रेंस’ के लिए सूचीबद्ध किया और उसे कोर्ट के समक्ष पेश करने का निर्णय लिया.

सोमवार को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित नोटिस में कहा गया, ‘अर्जी कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई है.’ इस फैसले के बाद अब अमेरिका में राणा के पास कानूनी विकल्प बेहद सीमित रह गए हैं और भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है.

गौरतलब है कि तहव्वुर राणा, 2008 के मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक है. भारतीय एजेंसियों के अनुसार, राणा ने पाकिस्तानी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली को भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की थी. हेडली पहले ही अमेरिका में सजा काट रहा है और उसने जांच में राणा की भूमिका की पुष्टि की थी.

भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था, और अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यह प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है. भारतीय जांच एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी सफलता है.

 

 

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