26.5 करोड़ भारतीय अत्यधिक गरीबी से बाहर, वर्ल्ड बैंक ने फ्री राशन योजना को सराहा

भारत एक ओर जहां लगातार तेज ग्रोथ करते हुए बीते दिनों जापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी (India 4th Largest Economy) बना, तो वहीं उपलब्धियों का सिलसिला जारी है औऱ दुनिया इसका लोहा मान रही है. अब एक और खुश करने वाली रिपोर्ट आई है, जो विश्व बैंक (World Bank) ने जारी की है, इसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबी के खिलाफ लड़ाई में बड़ी जीत हासिल की है. जी हां. इसमें आंकड़े के साथ बताया गया है कि बीते 11 साल में भारत में गरीबों की संख्या 27.1 फीसदी से घटकर महज 5.3 फीसदी रह गई है.

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अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले लोग

World Bank की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अत्यधिक गरीबी 2022-23 में घटकर 5.3 फीसदी गई है. इससे पहले बीते एक दशक में देश में अत्यधिक गरीबी में जीवन यापन कर रहे लोगों की दर साल 2011-12 में 27.1 फीसदी के मुकाबले तेजी से घटते हुए 5.3 फीसदी रह गई, जबकि विश्व बैंक ने अपनी गरीबी रेखा की सीमा को संशोधित कर 3 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन कर दिया है.

वैश्विक निकाय ने कहा कि साल 2017 और 2021 के बीच भारत की महंगाई दर (India Inflation Rate) को देखते हुए, 3 अमेरिकी डॉलर की संशोधित अत्यधिक गरीबी रेखा 2021 की कीमतों में व्यक्त 2.15 डॉलर की सीमा से 15 फीसदी अधिक है और इसके परिणामस्वरूप 2022-23 में गरीबी दर 5.3 फीसदी है. इसमें कहा गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी दर 18.4 फीसदी से घटकर 2.8 फीसदी, जबकि शहरी क्षेत्र में ये 10.7 फीसदी से कम होकर 1.1 फीसदी हो गई, जिससे ग्रामीण-शहरी गरीबी अंतर 7.7 फीसदी से गिरकर महज 1.7 फीसदी पर आ गया है.

26.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर

विश्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें, तो 2011-12 में गरीबी रेखा से नीचे (3 डॉलर प्रतिदिन) जीवन यापन करने वाले भारतीयों की तादाद 34 करोड़ दर्ज की गई थी, लेकिन इसके मुकाबले 2022-23 में यह संख्या घटकर 7.5 करोड़ रह गई है. इस हिसाब से कैलकुलेशन करें, तो देश में 26.5 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले हैं, जो Modi Govt के लिए बड़ी उपलब्धि है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत में 2024 में 54,695,832 लोग प्रतिदिन 3 अमेरिकी डॉलर से कम पर जीवन यापन कर रहे थे. इस प्रकार, 3 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन (2021 पीपीपी – प्रतिशत जनसंख्या) पर गरीबी दर 2024 में 5.44 प्रतिशत है.

फ्री राशन पहल का बड़ा असर

भारत में गरीबों की संख्या को लेकर आई World Bank की इस रिपोर्ट में मोदी सरकार द्वारा देश मुफ्त और सब्सिडी वाली खाद्य हस्तांतरण स्कीम्स ने देश में गरीबी में कमी लाने में सबसे अहम रोल निभाया है. इसकी मदद से ग्रामीण-शहरी गरीबी का अंतर भी तेजी से कम हुआ. विश्व बैंक के अनुसार पिछले एक दशक में, भारत ने गरीबी को काफी हद तक कम करने में सफलता पाई है. इससे पहले अप्रैल में भारत पर अपने ‘गरीबी और समानता ब्रीफ’ में वैश्विक निकाय की ओर से कहा गया था कि अत्यधिक गरीबी (प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन) 2011-12 में 16.2 फीसदी से घटकर 2022-23 में 2.3 फीसदी हो गई, जिससे 171 मिलियन लोग इस रेखा से ऊपर आ गए.

इकोनॉमी को लेकर रिपोर्ट में क्या?

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में जहां मोदी सरकार इस बड़ी उपलब्धि की तारीफ की गई है, तो वहीं दूसरी ओर इकोनॉमी (Indian Economy) को लेकर कहा गया है कि भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP) वित्त वर्ष 2024-25 तक कोरोना महामारी (Corona Pandemic) पूर्व प्रवृत्ति स्तर से लगभग 5 फीसदी कम थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं को व्यवस्थित तरीके से हल किए जाने की स्थिति में 2027-28 तक वृद्धि धीरे-धीरे संभावित स्तर पर पहुंच जाएगी.

इसमें आगे ये भी कहा गया कि आउटलुक में महत्वपूर्ण नकारात्मक जोखिम भी हैं, क्योंकि वैश्विक स्तर पर नीतिगत बदलाव जारी रह सकते हैं और व्यापार तनाव बढ़ने से भारत के निर्यात की मांग कम होगी और निवेश में सुधार में और देरी होगी.

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