भोपाल में 29 हजार पेड़ काटकर मंत्री-विधायकों के बंगले बनाने की योजना सरकार ने कैंसिल कर दी है। सोमवार दोपहर नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी दी है।
लिखा- नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में मौजूदा वृक्षों को देखते हुए प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है। साथ ही अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
ट्वीट से काम नहीं चलेगा, आदेश निकाले सरकार
नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय के ट्वीट के बाद भी आज शाम को होने वाला प्रदर्शन जारी रहेगा। पूर्व पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का ट्वीट देखा है। मौखिक तो पहले भी कई बार आश्वासन दिए जा चुके हैं।
कल ही पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मौखिक कहा था, लेकिन हमें आदेश चाहिए। सरकार आदेश निकाले। इसके बाद ही हटेंगे। आज शाम को होने वाला आंदोलन यथावत रहेगा। शाम को कैंडल मार्च निकालेंगे।
शाम 5.30 बजे निकलेगा कैंडल मार्च
इस प्रोजेक्ट के खिलाफ 12 जून से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। आज भी शाम 5.30 बजे सेकेंड स्टॉप तुलसी नगर से कैंडल मार्च निकाला जाएगा। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होकर विरोध दर्ज कराएंगे। पूर्व पार्षद अमित शर्मा ने बताया कि ये 29 हजार पेड़ 50 से 70 साल तक पुराने हैं। जिन्हें बचाने के लिए लोग सड़क पर उतर रहे हैं।
विधायक ने कहा था- नहीं कटेंगे पेड़
14 जून को नूतन कॉलेज के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पहुंचे विधायक भगवानदास सबनानी ने भी कहा था कि भोपाल की पहचान तालाब और यहां की हरियाली है। किसी भी हाल में पेड़ नहीं कटेंगे। विधायकों के आवास ऐसे स्थानों पर बनेंगे जहां पेड़ काटने की गुंजाइश नहीं रहे।
इससे पहले 13 जून को शिवाजी नगर एवं तुलसी नगर की महिलाएं प्रदर्शन के दौरान पेड़ों से चिपक गई थीं। महिलाओं ने कहा कि पेड़ काटे जाते हैं तो उग्र प्रदर्शन करेंगे। फिर चाहे सरकार उन्हें जेल में ही क्यों न बंद कर दें। प्लान को सरकार मंजूर न करें।