मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक 3 की मौत, कोर्ट के आदेश पर 1600 पैरामिलिट्री जवान तैनात

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध की आग धधक उठी. वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया. उपद्रवियों ने कई इलाकों में पथराव किया. आगजनी की. ट्रेनें रोकीं. कई दफ्तरों को नुकसान पहुंचाया. साथ ही पुलिसवालों को भी निशाना बनाया. मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक तीन लोगों की जान गई है. दो लोगों की मौत शनिवार दोपहर को हिंसा के दौरान हुई. मृतक पिता-पुत्र थे. हिंसक झड़प में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और अब तक 150 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. हालात को देखते हुए यहां BSF की तैनाती कर दी गई है, ताकि हालात फिर से बिगड़ ना सके. उधर, पुलिस ने लोगों से किसी तरह की अफवाह से बचने की अपील की है.

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हिंसाग्रस्त शमशेरगंज क्षेत्र के जाफराबाद में हरगोबिंदा दास और उनके बेटे चंदन को उनके घर में ही बेरहमी से चाकू मारा गया. दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने घर में लूटपाट की और बाप-बेटे को बेरहमी से मार डाला. पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करवा लिया है. परिवार के अन्य सदस्यों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है. वहीं, शुक्रवार को सूती के साजूर मोड़ पर हुई झड़प में इजाज़ अहमद नाम के 21 वर्षीय युवक को गोली लगी थी, जिसने शनिवार शाम मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

पीटीआई के मुताबिक इसी इलाके के धूलियन में एक स्थानीय बीड़ी फैक्ट्री के दो मजदूरों- गोलाम मोइनुद्दीन शेख और एक अन्य को भी गोली लगी. अधिकारियों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है और इलाज चल रहा है. पुलिस ने हालात को काबू में रखने के लिए हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में गश्त और रूट मार्च किए.

150 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार

मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को देखते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की. पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन नियंत्रण में है. डीजीपी ने कहा कि वह स्थानीय स्तर पर तैनात बीएसएफ की सहायता ले रहें है और 150 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

केंद्रीय गृह सचिव ने लिया हालात का जायजा

केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि मुर्शिदाबाद में स्थानीय रूप से उपलब्ध BSF के लगभग 300 कर्मियों के अलावा, राज्य सरकार के अनुरोध पर 5 कंपनियों को भेजा गया है. केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य प्रशासन को अन्य संवेदनशील जिलों पर भी कड़ी नजर रखने के लिए कहा. साथ ही जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि केंद्र भी स्थिति पर निगरानी रखे हुए है और ये आश्वासन दिया कि अगर जरूरत होगी तो अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती सहित राज्य को हर संभव सहायता दी जाएगी.

हिंसाग्रस्त इलाकों में तैनात होंगे पैरामिलिट्री के 1600 जवान

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी. केंद्र की ओर से पश्चिम बंगाल में 16 अर्ध सैनिक बलों की कंपनियों को भेजा जा रहा है. हिंसाग्रस्त इलाके में करीब 1600 जवान पैरामिलिट्री के तैनात होंगे. ये कंपनियां जल्द ही लोकेशन पर पहुंच जाएंगी.

कई राजनीतिक दलों के साथ स्थिति पर चर्चा कीः राज्यपाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मुझे बताया गया है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद सहित पश्चिम बंगाल के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है. उन क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति लाने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती आवश्यक है. मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी स्थिति पर चर्चा की. मुझे खुशी है कि हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया और उचित समय पर उचित निर्णय दिया.

भीड़ ने पुलिस वाहनों को फूंका, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया

इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं होगा. दूसरी ओर कलकत्ता हाईकोर्ट ने हालात को देखते हुए केंद्रीय अर्धसैनिक बल (CAPF) तैनात करने का आदेश दिया है. हिंसा से सबसे ज़्यादा प्रभावित सूती और शमशेरगंज इलाकों में शुक्रवार और शनिवार को स्थिति बेहद तनावपूर्ण रही. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सड़कों को जाम कर दिया. न्यू फरक्का-अज़ीमगंज रेल सेक्शन में करीब छह घंटे तक ट्रेनों का संचालन बाधित रहा.

ममता ने कहा- ये कानून केंद्र का है, हमारा नहीं

सीएम ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा कि यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है, हमारी सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हमने स्पष्ट कर दिया है कि इस कानून को बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा, फिर यह दंगा किसलिए? उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी उकसावे में न आने की अपील की.

कोर्ट ने 17 अप्रैल तक मांगी विस्तृत रिपोर्ट

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि ऐसे हालात में अदालत आंखें बंद नहीं रख सकती. नागरिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम ज़रूरी हैं. अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से 17 अप्रैल तक स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

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