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युद्ध और अशांति से ‘3 F’ का संकट, G20 के मंच से पीएम मोदी ने पूरी दुनिया को चेताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील में G20 समिट के मंच से दुनिया में जारी संघर्षों की वजह से आने वाले खतरे के लिए आगाह किया है. पीएम मोदी ने अपनी चिंताएं जाहिर करते हुए 3 एफ के संकट पर फोकस किया.

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पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक संघर्षों की वजह से खाद्य, ईंधन और उर्वरक (Food, Fuel and Fertilizers) संकट से ग्लोबल साउथ के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और जी-20 को उनकी चिंताओं और प्राथमिकताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए. ग्लोबल साउत में भारत, चीन, ब्राजील और सऊदी व कतर जैसे देश आते हैं.

नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि दूसरे देशों की लड़ाई का असर ग्लोबल साउथ पर पड़ रहा है, इसलिए पहले ग्लोबल साउथ के मुद्दों पर पहले ध्यान दिया जाए. जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन अपने संबोधन में मोदी ने भारत के G-20 में लिए गए ‘जन-केंद्रित निर्णयों’ को आगे बढ़ाने के लिए ब्राजील की अध्यक्षता की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारतीय जी-20 अध्यक्षता का ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का आह्वान रियो की बातचीत में गूंजता रहा.

 

क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री ने ‘सामाजिक समावेशन और भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई’ पर हो रहे G-20 के सत्र में कहा, “मैं यह कहना चाहूंगा कि वैश्विक संघर्षों के वजह से खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ग्लोबल साउथ के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इसलिए हमारी चर्चा तभी सफल हो सकती है जब हम ग्लोबल साउथ की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखें.”

पीएम मोदी ने G-20 की पहल ‘फाइट अगेंस्ट हंगर एंड पॉवर्टी’ पर भारत के पूर्ण समर्थन का वादा किया. एक्स पर पोस्ट में उन्होंने लिखा, “भारत इस प्रयास को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन देता है.”

भूख के लिए भारत की पहल

प्रधानमंत्री ने अफ्रीका और अन्य जगहों पर खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए कहा कहा, “800 मिलियन से ज्यादा लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया जा रहा है, 550 मिलियन लोग दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का फायदा उठा रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, “अब 70 साल से ज्यादा उम्र के 60 मिलियन वरिष्ठ नागरिक भी मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकेंगे.”

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