मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में शिक्षा विभाग में रंगाई-पुताई के नाम पर बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें महज 24 लीटर आयल पेंट लगाने पर लगभग 3 लाख रुपये की मजदूरी खर्च करने का फर्जी बिल पास किया गया है। यह मामला ब्यौहारी विकासखंड के दो शासकीय स्कूलों हाईस्कूल संकदी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया से जुड़ा हुआ है।
घोटाले की परतें तब खुलीं जब बिल की प्रति इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई और मामला कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के संज्ञान में आया। कलेक्टर ने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) फूल सिंह मारपाची को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है और राशि वसूली व जांच के आदेश भी दिए हैं।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
क्या है पूरा मामला?
हाईस्कूल संकदी में 4 लीटर पेंट (मूल्य 784 रुपये) खरीदने का बिल लगाया गया, लेकिन इसे दीवारों पर पोतने के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाए गए, जिनकी कुल मजदूरी 1,06,984 रुपये दिखाई गई।
वहीं, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में 20 लीटर पेंट के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री दर्शाए गए। उनका भुगतान 2,31,650 रुपये के रूप में किया गया। इसमें खिड़कियों और दरवाजों की रंगाई का भी खर्च जोड़ा गया है।
इन दोनों ही मामलों में एक ही ठेकेदार, सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों बिल 5 मई 2025 को कटे हैं और उन पर स्कूल प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर व सरकारी मुहरें लगी हैं। इससे यह स्पष्ट है कि विभाग के कई अधिकारी और शिक्षक इस फर्जीवाड़े में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने कहा ‘जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया, प्रारंभिक जांच कराई गई। घोटाला स्पष्ट मिला। डीईओ को नोटिस दिया गया है। जिन्होंने भुगतान किया है, उनसे राशि वसूली के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अन्य स्कूलों के बिलों की भी जांच कराई जाएगी।’
वहीं, डीईओ फूल सिंह मारपाची ने कहा ‘यह कैसे हुआ, इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी नहीं बख्शे जाएंगे।’ हाईस्कूल संकदी के प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।