खाई में डूबने से 3 साल के बच्चे की मौत:गरियाबंद में खेलते-खेलते जा पहुंचा, माता-पिता को 9 साल बाद मिला था संतान का सुख

गरियाबंद जिले खाई में डूबने से 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है यह खाई गिट्टी बोल्डर के लिए खेतों में खुदाई से बनी थी और बारिश के कारण इसमें पानी भर आया था।

30 जुलाई की शाम सचिन खेलते खेलते खाई तक पहुंचा और गिर गया। जब परिजन पहुंचे तो शव पानी में तैरता मिला। मामला देवभोग थाना क्षेत्र का है।

जिस खाई में सचिन गिरा, वह लगातार खनन के बाद बनी थी। सचिन घर का इकलौता बेटा था। परिजनों ने बताया कि 9 साल की मिन्नतों के बाद उसका जन्म हुआ था।

परिजन पहुंचे तो, शव पानी में तैर रहा था

सचिन ग्राम धौराकोट के रहने वाले सुरेन्द्र नागेश का इकलौता बेटा था। शाम होने से पहले घर पर नहीं दिखा। परिजनों ने उसे हर जगह ढूंढना शुरू किया। शाम ढलते-ढलते पिता घर के नजदीक मौजूद खेत की खाई तक पहुंचे। वहां उन्हें बेटे का शव पानी में तैरता मिला।

उसे तुरंत घर लाया गया लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। सचिन घर का इकलौता चिराग था। शादी के 9 साल बाद भारी मन्नतों के बाद परिवार को यह खुशी मिली थी। लेकिन परिवार को नहीं पता था कि यह खुशी मात्र 3 साल में ही छिन जाएगी। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

मामले की जांच में जुटी पुलिस

घटना की सूचना मिलते ही देवभोग पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना कर पंचनामा बनाया। शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। थाना प्रभारी फैजुल शाह होदा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

कई गांव में चल रही अवैध खुदाई

स्थानीय लोगों का कहना है कि पथरीली जमीन से इन क्षेत्रों में अक्सर पत्थर निकालकर गिट्टी और बोल्डर बनाकर बेचे जाते हैं। निर्माण से जुड़े पेटी कॉन्ट्रैक्टर क्रेशर के महंगे गिट्टी के विकल्प में ग्रामीणों को मामूली कीमत देकर पत्थर तुड़वाते हैं।

धोराकोट के अलावा कदलीमूड़ा, धीगियामूड़ा, मोखागूड़ा, कुम्हड़ाई जैसे कई गांवों में भी इस तरह की अवैध खुदाई हो रही है। इस घटना ने अवैध खनन के खतरों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

Advertisements