5 महीने में 30 मौतें, 1000 से ज्यादा लोगों की किडनियां खराब… इस गांव में फैल रही अजीब बीमारी

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के एक गांव में एक अजीब तरह की बीमारी फैल रही है, जिसके चलते लोगों में डर का माहौल है. इस बीमारी ने अब तक कई गांव वालों की जान ले ली है. पिछले 5 महीने में इस गांव में 30 लोगों की मौत हो गई, लेकिन ये कैसी बीमारी है और किस वजह से ये फैल रही है. इस बारे में पता नहीं लग पा रहा है. ऐसे में गांव में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम सभी तरह के मेडिकल टेस्ट कर रही है. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अपनी मान्यताओं के मुताबिक बोडराई की विशेष पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

हालांकि, तुराकापालेम गांव में मौतों का रहस्य अभी भी बरकरार है इन दोनों कोशिशों के बावजूद, मौतों की असल वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है. डॉक्टरों को शक है कि गांव में मेलियोइडोसिस नाम की बीमारी फैली हुई है. इसी सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग पिछले दस दिनों से गांव में मेडिकल कैंप लगा रहा है. राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर 18 साल से ऊपर के सभी लोगों की हेल्थ डिटेल तैयार कर रहे हैं. 2,517 की आबादी वाले इस गांव में 1,343 लोगों के हेल्थ चेकअप के नतीजे सामने आए हैं.

1,026 लोगों के किडनियां खराब

इन नतीजों में 1,026 लोगों के किडनियां खराब पाई गईं और 168 लोगों को लीवर की बीमारी है. इसके साथ ही, बड़ी संख्या में लोग ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित पाए गए. डॉक्टरों का मानना है कि ये हेल्थ प्रॉब्लम मेलियोइडोसिस बीमारी फैलने की वजह से हो सकती हैं. माना जा रहा है कि इसी बीमारी के चलते गांव में एक के एक बाद एक मौत हो रही है.

 

गांव वालों ने किया 501 स्थानों पर जलाभिषेक

जहां एक ओर मेडिकल डिपार्टमेंट रिसर्च कर रहा है. वहीं दूसरी ओर गांव वाले अपनी मान्यताओं के मुताबिक बोडराई की विशेष पूजा कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का विश्वास है कि गांव में बोडराई के साथ-साथ गेट का पत्थर भी टेढ़ा होने की वजह से बीमारियां फैल रही हैं और लोग मर रहे हैं. इसी के चलते अम्मोरू की कथा के अनुसार पिछले सोमवार, 1 सितंबर को बोडराई की मरम्मत की गई और अलग-अलग अभिषेक किए गए. पहले 108 स्थानों पर जल अर्पित कर विशेष पूजा की गई. इसके बाद 501 स्थानों पर जल चढ़ाया गया.

 

8 सितंबर को मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गांव में हेल्थ इमरजेंसी लगा दी थी. साथ ही डॉक्टरों की एक टीम को गांव में जांच के लिए भेजा था. अब जब गांव वालों के टेस्ट किए गए तो आधे से ज्यादा लोगों की किडनी खराब आई और कई लोगों को ब्लड प्रेशर के साथ डायबिटीज आई.

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