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तीन हजार बांग्लादेशी भारतीय बनकर पहुंचे यूरोप: फर्जी पासपोर्ट घोटाले का बड़ा खुलासा..

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पिछले पांच सालों में तीन हजार बांग्लादेशियों के फर्जी पासपोर्ट बनाने का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ये फर्जी पासपोर्ट यूरोप जाने के लिए बनाए गए हैं. फर्जी पासपोर्ट के जरिए बांग्लादेश के नागरिक यूरोप के देशों की भारतीय बनकर यात्रा कर रहे हैं. इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद खुफिया विभाग की नींद उड़ गई है और कोलकाता पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू की है.

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बांग्लादेशियों के भारतीय पासपोर्ट बनाकर यूरोप यात्रा करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक पिछले 5 सालों में करीब 3 हजार बांग्लादेशियों के लिए भारतीय पासपोर्ट जारी किए गए हैं. इन भारतीय पासपोर्ट पर बांग्लादेशी धड़ल्ले से यूरोप की यात्रा कर रहे हैं. हाल में पुलिस जांच के दौरान बांग्लादेश के फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है.

सूत्रों से अनुसार बांग्लादेशी नागरिकों को यूरोप में कार्य वीजा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में फर्जी पासपोर्ट बनाने का वाला गिरोह बांग्लादेश के नागरिकों को पहले अवैध रूप से भारत लाता है और यहां मोटी रकम देकर उनका फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाया जाता है.

बांग्लादेशी नागरिक उस पासपोर्ट का उपयोग करके विदेश यात्रा करते हैं. फर्जी पासपोर्ट घोटाले में राज्य के तीन जिलों पर खुफिया विभाग की कड़ी नजर है. सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश की सीमा से सटे उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नादिया जिले में यह गिरोह सक्रिय है. इन सभी जिलों के डाक विभाग, पासपोर्ट सेवा केंद्र और डीआईबी कार्यालय पर जांच अधिकारियों की नजर है.

फर्जी पासपोर्ट के बढ़ते मामलों से प्रशासन की नींद उड़ी

फर्जी पासपोर्ट के बढ़ते मामले से प्रशासन चिंतित है. कोलकाता पुलिस का खुफिया विभाग अब जांच कर रहा है. कोलकाता पुलिस का खुफिया विभाग एससीओ यानी सिक्योरिटी कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन से इस मामले की जांच करवा रही है. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. उधर, खुफिया विभाग भी जांच में जुटी है. लालबाजार पुलिस मुख्यालय से डॉक्यूमेंट ट्रांसफर की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

फर्जी पासपोर्ट रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर लालबाजार पुलिस मुख्यालय की ओर से विशेष दिशानिर्देश जारी किये गये हैं. लालबाजार द्वारा कुछ दिन पहले जारी किए गए दिशानिर्देश पहले ही शहर के हर पुलिस स्टेशन को भेज दिए गए हैं.

बता दें कि जब नया पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन जमा किया जाता है, तो आवेदक को पुलिस स्टेशन में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन करना आवश्यक होता है. पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों को स्वयं आवेदक के पते पर पहुंचकर हर बात का सत्यापन करना चाहिए. वे इलाके में उस शख्स के बारे में पूछताछ करें.

मालदा में एक साल में बने 16000 पासपोर्ट
दूसरी ओर, फर्जी पासपोर्ट मामले के भंडाफोड़ के बादपासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि अगर उग्रवादी भी आएं तो पासपोर्ट बनवाकर आसानी से ले जा सकते हैं. खासकर मालदा में बनने वाले पासपोर्ट की संख्या काफी चिंताजनक है.

मालदह जिला पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों का दावा है कि उग्रवादी या घुसपैठिए आसानी से पासपोर्ट कार्यालय में दस्तावेज जमा कर सकते हैं. यह जांचने के लिए कोई बुनियादी ढांचा नहीं है कि वे सभी दस्तावेज नकली हैं या नहीं. बार-बार फर्जी पासपोर्ट भी पकड़े जाते हैं. फर्जी पासपोर्ट बनाने वाला गिरोह इस इलाके में सक्रिय है.

संदेहास्पद बात यह है कि मालदा में पासपोर्ट के लिए आवेदनों की संख्या अधिक है. मालूम हो कि पिछले एक साल में 16,000 पासपोर्ट बने हैं.

मालदा में इतने पासपोर्ट क्यों बन रहे हैं? मालदा पासपोर्ट कार्यालय के प्रभारी अरुण कुमार सरकार ने कहा कि आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड सही होने पर पासपोर्ट देने के लिए वे बाध्य हैं. उनके पास यह जानने का कोई साधन या बुनियादी ढांचा नहीं है कि व्यक्ति कहां रहता है, उसे आधार कार्ड कैसे मिला? वह भारत में कितने समय से है.

पासपोर्ट केंद्रों पर दस्तावेजों की जांच की सुविधा नहीं
दूसरी ओर, राज्य के खुफिया अधिकारी बताते हैं कि मालदा के वैष्णवनगर, कालियाचक, हबीबपुर में भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर कई लोग पासपोर्ट बनवा रहे हैं. ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ लोगों को कुछ दिन पहले ही वोटर, आधार, पैन कार्ड बनाने के बाद भी पासपोर्ट मिल जा रहा है. अब राज्य खुफिया विभाग आवेदकों से 1971 से पहले का दस्तावेज मांग रहे हैं.

जिन लोगों के पासपोर्ट खो गए हैं उनके दस्तावेजों की जांच करते समय खुफिया विभाग आश्चर्यचकित हैं. वे घुसपैठियों के रूप में भारत आए और सभी पहचान दस्तावेज और यहां तक ​​कि पासपोर्ट भी फर्जी बनवा लिए. उन पासपोर्टों को रोकने के लिए डीआईबी की ओर से रिपोर्ट भी भेजी जा रही है.

ज्यादातर पासपोर्ट हज जाने के लिए बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा मेडिकल और शिक्षा के नाम पर भी कई लोग पासपोर्ट बनवाने आ रहे हैं, लेकिन सभी मामलों में फर्जी या अवैध दस्तावेज दिए जाने की संभावना रहती है. सूत्रों के मुताबिक, खुफिया विभाग अब इन पर कड़ी नजर रख रही है.

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