महाराष्ट्र सरकार ने ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 11 जुलाई को विधानसभा में बताया कि राज्य भर के धार्मिक स्थलों से कुल 3,367 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं. इनमें से 1,608 लाउडस्पीकर अकेले मुंबई से हटाए गए हैं. फडणवीस ने कहा कि यह कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से की गई है. जिससे कोई धार्मिक या सांप्रदायिक विवाद नहीं हुआ है.
महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की शिकायतें लंबे समय से सामने आ रही थीं. सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर का उपयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बैन है. दिन में अधिकतम 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल की सीमा तय की गई है. फडणवीस ने बताया कि पुलिस को नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं. अगर कोई धार्मिक स्थल बिना अनुमति लाउडस्पीकर दोबारा लगाता है, तो संबंधित पुलिस थाने का इंचार्ज इसके लिए जिम्मेदार होगा.
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पुलिस थानों में ध्वनि मापने के लिए नॉइज मीटर उपलब्ध हैं. स्थानीय पुलिस इंस्पेक्टरों को धार्मिक स्थलों पर नियमित जांच करने और उल्लंघन होने पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) को सूचित करने का आदेश दिया गया है. बार-बार उल्लंघन करने वालों के लाउडस्पीकर जब्त किए जाएंगे और उनकी अनुमति को भी रद्द कर दिया जाएगा.
भाजपा विधायकों ने उठाया था मुद्दा
यह कार्रवाई भाजपा विधायकों द्वारा विधानसभा में ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा उठाए जाने के बाद तेज हुई है. उन्होंने कहा था कि लाउडस्पीकर से होने वाला शोर बीमार, बुजुर्ग और रात की पाली में काम करने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. बॉम्बे हाईकोर्ट के जनवरी के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी.
मुंबई अब लाउडस्पीकर मुक्त
फडणवीस ने दावा किया कि मुंबई के सभी धार्मिक स्थल अब लाउडस्पीकर मुक्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि ‘हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे. बता दें कि यह कार्रवाई कानून के दायरे में और पारदर्शी तरीके से की गई है.’ फडणवीस ने कहा कि सरकार ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए और सख्त कदम उठाएगी. इसके लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 में संशोधन की मांग केंद्र सरकार से की जाएगी. ताकि पुलिस को और अधिकार मिल सकें. साथ ही धार्मिक स्थलों को लाउडस्पीकर के लिए डेडलाइन परमिशन दी जाएगी, जिसे हर बार रिन्यू करवाना जरूरी होगा.