मध्य प्रदेश शासन ने अनारक्षित वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों के लिए विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना-2025 की अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना के तहत सरकार विदेशी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर की पढ़ाई के लिए छात्रों को 40 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 35 लाख रुपये) प्रति वर्ष तक की आर्थिक सहायता देगी। आवेदन की अंतिम तारीख 19 सितंबर तय की गई है।
सरकार हर साल केवल 20 विद्यार्थियों को यह सुविधा देगी। इसमें चयनित छात्रों को वास्तविक खर्च या अधिकतम 38 हजार अमेरिकी डॉलर मिलेंगे, साथ ही 2 हजार डॉलर किताबों, उपकरणों और शोध कार्यों के लिए दिए जाएंगे। यह योजना वर्ष 2018-19 से लागू है और अब तक 24 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल चुका है।
छात्रवृत्ति के लिए जरूरी शर्तें भी तय की गई हैं। आवेदक मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए और स्नातक में कम से कम 60 प्रतिशत अंक होने चाहिए। इसके अलावा पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। स्नातकोत्तर के लिए अधिकतम उम्र सीमा 25 वर्ष और पीएचडी के लिए 35 वर्ष तय की गई है। विदेशी विश्वविद्यालय से प्रवेश का प्रस्ताव अनिवार्य है और परिवार से केवल एक सदस्य को ही यह छात्रवृत्ति मिल सकती है।
यह छात्रवृत्ति हर साल दो बार दी जाती है। जनवरी-जून सत्र के लिए 10 और जुलाई-दिसंबर सत्र के लिए 10 छात्रवृत्तियां निर्धारित हैं। चयनित छात्रों को अधिकतम दो वर्षों तक यह सहायता मिल सकती है।
आवेदन प्रक्रिया सरल रखी गई है। पात्र छात्र 19 सितंबर तक आयुक्त, उच्च शिक्षा संचालनालय, सतपुड़ा भवन, भोपाल में आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन व्यक्तिगत रूप से, प्रतिनिधि के माध्यम से या डाक द्वारा किया जा सकता है। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी धीरेंद्र शुक्ला ने बताया कि विदेशी विश्वविद्यालय से एडमिशन का पत्र मिलने पर ही छात्र योजना का लाभ उठा पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जानकारी की कमी के कारण अब तक हर साल केवल 2-3 ही विद्यार्थी इसका फायदा ले पाए हैं।