मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में 37 मौतों की पुष्टि, विधानसभा में बोले CM योगी..

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार ( 19फरवरी)को विधानसभा में पिछले महीने 29 जनवरी को प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में हुई भगदड़ का जिक्र किया. घटना के 22 दिन बाद सीएम ने माना कि मौनी अमावस्या को कुंभ में 30 नहीं बल्कि 37 लोगों की मौत हुई थी वहीं 70 लोग घायल हुए थे. इस दौरान उन्होंने बताया कि संगम तट पर बैरिकेड टूटने से भगदड़ हुई थी. जिसकी चपेट में 66 श्रद्धालु चपेट आये थे, इनमें 30 लोगों की मौत हुई थी.

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इसके आगे मुख्यमंत्री ने बताया कि उसी दिन महाकुंभ में अलग-अलग जगह पर प्रेशर पॉइंट बने, वहां भी 7 लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने कहा कि इन सभी घटनाओं को भगदड़ से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. सीएम ने बताया कि 36 मृतकों की पहचान हो गई है उनके परिजन शवों को घर ले गए, जबकि एक श्रद्धालु की पहचान नहीं हुई है. उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया है और डीएनए सुरक्षित रखा गया है. जबकी एक घायल का इलाज अभी भी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.

‘कुशल व्यवस्था के चलते 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया’

सीएम योगी ने बताया कि संगम नोज पर घटना के बाद श्रद्धालुओं की मदद से ही ग्रीन कॉरिडोर बना. एंबुलेंस को आने का रास्ता मिला. जिसके जरिए सभी घायलों को पहले अस्पताल पहुंचाया. वहां से घायलों को मेडिकल कॉलेज ले जाने में मदद की. उन्होंने कहा कि हम उस जनदबाव को देखें, जो उस समय वहां रहा होगा. 25 लाख की आबादी वाले शहर में पांच करोड़ की भीड़ के बीच रेस्क्यू करना और इस प्रकार से अलग अलग क्षेत्रों में भी दिनभर दबाव बनते रहे. इसके बावजूद प्रशासन की कुशल व्यवस्था के चलते 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया ये किसी चमत्कार से कम नहीं था.

‘सभी घटनाओं को महाकुंभ से नहीं जोड़ा जाना चाहिए’

अन्य जगहों पर प्रेशर पॉइंट बनाने से भी 30 – 37 लोग घायल हुए थे जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने कहा कि इन सभी घटनाओं को महाकुंभ से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. सीएम ने कहा कि नेपाल, अलीगढ़, झारखंड की घटनाओं या प्रयागराज में सड़क हादसे में दस लोगों की मौत को भी महाकुंभ से जोड़ दिया जा रहा है.

1954, 1974 और 1986 के कुंभ में हुई भगदड़ का जिक्र

इस दौरान सीएम योगी ने 1954, 1974 और 1986 के कुंभ में हुई भगदड़ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 1954 के कुंभ में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपति की भागीदारी के बावजूद 800 से अधिक श्रद्धालु भगदड़ में अपनी जान गंवा बैठे थे. वहीं इसके विपरीत इस बार सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. सरकार ने कई जिलों में होल्डिंग एरिया और पार्किंग सुविधाओं की व्यवस्था की, जिससे यातायात और भीड़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण सफलता मिली.

‘विपक्ष ने महाकुंभ को लेकर कई गलत तथ्य प्रस्तुत किए’

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष के नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. विपक्ष ने महाकुंभ को लेकर कई गलत तथ्य प्रस्तुत किए और इसे धन की बर्बादी तक करार दिया. उन्होंने कहा कि उनके संस्कार और मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ कोई नया आयोजन नहीं है, बल्कि यह वैदिक परंपरा से चला आ रहा है. ऋग्वेद, अथर्ववेद और श्रीमद्भागवत महापुराण में भी इसका उल्लेख है. सीएम ने कहा कि यह आयोजन भारती

य संस्कृति की आत्मा है और इसे संकीर्ण राजनीतिक नजरिए से देखना अनुचित है.

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