कोरबा: छत्तीसगढ़ के पांच जिले कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, मुंगेली व बिलासपुर की 37 हजार महिलाओं को ठगी के जाल में फंसाने वाले कोरबा जिला के सीतामढ़ी निवासी फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश सिंह साहित कुल 13 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि फ्लोरा मैक्स नाम की कंपनी साल 2022 में तैयार की गई. इस कंपनी ने महिलाओं को आजीविका दिलाने के नाम पर झांसे में लेना शुरू किया. महिलाओं को 30-30 हजार रुपये के लोन बैंक सहित 45 निजी फाइनेंस कंपनियों से दिलवाए गए. जिसकी कुल रकम का आंकलन अब तक 110 करोड़ रुपये है. कंपनी में निवेश के नाम पर पूरी राशि रख ली जाती थी, कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक चला. बाद में व्यापार में घाटा का हवाला देकर कंपनी ने किस्त की राशि देना बंद कर दिया. जिन महिलाओं को सिर पर लोन है, निजी फाइनेंस कंपनियां उन पर वसूली का दबाव बनाने लगी. जिसके बाद लोन लेकर सामान के बदले कंपनी में निवेश करवाने के नाम पर ठगी का पूरा खेल सामने आया.
इस तरह महिलाओं को लोन दिलाकर कंपनी में कराया निवेश: कोरबा में फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश ने शहर के सिटी सेंटर मॉल में मार्ट की तर्ज पर कारोबार शुरू किया. महिलाओं को कंपनी से जोड़ने के लिए नेटवर्किंग का जाल फैलाया. उन्हें एक निश्चित आय का प्रलोभन देकर माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन दिलवाया. फिर इसी रकम को कंपनी में निवेश करवाकर ग्रोसरी के उत्पाद गांव में घूम-घूम पर बेचने और खुद इस्तेमाल के लिए दिया. महिलाओं से कहा गया कि लोन की राशि जमा करने के लिए कंपनी की ओर से 2700 रुपये बतौर सैलरी हर महीने मिलेगी.
कंपनी में निवेश करने वाली महिलाओं का दावा है कि लगभग 4 महीने से भी ज्यादा समय तक कंपनी ने उनकी किस्त भी चुकाई है. कंपनी अपना नेटवर्क कोरबा जिले के सीमावर्ती जिलों में भी फैलाने लगी. साल 2024 में कंपनी पर विश्वास बढ़ने लगा और तेजी से महिलाएं इस कंपनी से जुड़ने लगी. ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र की गृहणी, रोजी मजदूरी व घरों में काम करने वाली महिलाओं ने निवेश किया. पिछले चार माह से सैलरी और कमीशन की राशि कंपनी ने देना बंद कर दिया. जिसके बाद लोन की राशि जमा नहीं होने पर लोन देने वाली कंपनी ने महिलाओं को नोटिस भेजा और पैसे वसूली का दबाव बनाया. तब महिलाएं अपने नजदीकी थाना व पुलिस चौकी पहुंच कर इसकी शिकायत करने लगीं.
कंगाल बैंक सहित 45 संस्थाओं ने दिया है महिलाओं को लोन : कंपनी का अखिलेश तीन साल पहले ही कोरबा में आया और अपना आधार कार्ड भी कोरबा निवासी के रूप में बनवा लिया. मूलत: वह कहां का रहने वाला है, इसकी जांच पुलिस कर रही है. उसने स्वीकार किया है कि ठगी के लिए तीन स्तर पर नेटवर्क तैयार किया गया था. एक महिला लीडर कंपनी के लिए एकत्र की गई, जो 40 लाख रुपये लेकर चंपत हो गई. इसी तरह कुछ और लीडर ने भी घोटाला कर दिया. जिससे कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब हो गई.
हमें लोन से चाहिए छुटकारा: लोन लेकर कंपनी में इन्वेस्ट करने वाली महिला लक्ष्मी गोस्वामी का कहना है कि फ्लोर मैक्स कंपनी का काम कुछ दिन पहले शुरू किया था. कहा गया था कि बैंक से लोन दिलवाएंगे और इस लोन को लेने के बाद पूरी राशि कंपनी में निवेश करनी होगी. लक्ष्मी ने बताया कि दो से तीन बैंक से उसे लोन मिला. पूरी राशि उसने फ्लोरा मैक्स कंपनी को दे दिया. इसके बदले सामान दिया गया.
मुझे कहा गया कि सारी किस्त की राशि फ्लोर मैक्स कंपनी बैंक में जमा करेगी. कुछ महीनों तक लोन चुकता भी किया गया. लेकिन अब लोन नहीं पटाया जा रहा है. फाइनेंस कंपनी हमारे घर पहुंच कर किस्त जमा करने का दबाव बना रहे हैं. हमारे पास पैसे नहीं है, मेरी तरह कई महिलाएं कंपनी से जुड़ी हुई है. अब हमें किसी भी हाल में लोन से छुटकारा चाहिए: लक्ष्मी गोस्वामी, कंपनी में इन्वेस्ट करने वाली महिला
पैसे के बदले महिलाओं को दिया सामान: फ्लोरा मैक्स कंपनी की सेल्स पर्सन राधिका केवट का कहना है कि कंपनी से बड़े पैमाने पर महिला को जोड़ा गया. उन्हें रोजगार दिया गया. महिलाओं से पैसे के बदले उन्हें सामान दिया गया. माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन दिलवाया और 30000 के बदले में उन्हें ग्रॉसरी के सामान उपलब्ध कराया. राधिका केवट ने बताया कि कई तरह का सामान उनके मार्ट में उपलब्ध है.
हमारी कंपनी से जुड़ी महिलाएं सामान ले गई. उसे बेचा और मुनाफा भी कमाया. उन सामान को खुद भी इस्तेमाल किया. किस्त का पैसा महिलाओं को ही चुकाना है. कंपनी ने कभी भी यह नहीं कहा था कि किस्त के पैसे कंपनी देगी. अभी कंपनी की आर्थिक स्थिति जब कमजोर हुई, तब महिलाओं ने शिकायत की है: राधिका केवट, फ्लोरा मैक्स कंपनी
डायरेक्टर सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी: फ्लोरा मैक्स कंपनी ठगी मामले में एएसपी यूबीएस चौहान ने इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश और उनके भाई राजू सिंह ने महिलाओं का एक बड़ा ग्रुप तैयार किया था. सुनियोजित तरीके से टॉप 10 लीडर्स भी बनाए गए थे. फ्लोरमैक्स का ग्रॉसरी शॉप था. जहां कंपनियों से मिली लोन की राशि कंपनी में ही निवेश करवाने के बदले वह महिलाओं को सामान देते थे. 100 से 150 महिलाओं ने अलग-अलग शिकायत की है. हजारों महिलाओं से ठगी हुई है.
कंपनी के दो डायरेक्टर सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. कंपनी के 10 टॉप लीडर्स की गिरफ्तारी हुई है. कंपनी के 7 इको गाड़िया जब्त की गई है. जिनमें एक कार और स्कूटी जब्त की गई है. संपत्ति का भी पता लगाया जा रहा है और भी विवेचना जारी है. हम अपील करते हैं कि इस संबंध में यदि और भी कोई महिला ठगी का शिकार हुई हो, तो वह पुलिस के पास आए अपना कथन दर्ज कराए: यूबीएस चौहान, एएसपी
पुलिस का कहना है कि ठगी के इस मामले के नेटवर्क में शीर्ष स्तर पर काम करने वाले लोगों की सूची बनाई जा रही है. अब तक 60 से ज्यादा लोगों को चिंहित किया जा चुका है. एक-एक महिला को तीन से चार अलग-अलग संस्थाओं ने लोन दिया है. इनमें बीएसएस, उत्कर्ष, सक्षम, अरोहन, स्पंदना, फेडरल, डीसीबी, चैतन्य, नाबार्ड, विक्टर, एचडीएफसी, कंगाल बैंक और माइक्रोफाइनेंस कंपनियां शामिल हैं. ऐसी कुल 45 संस्थाएं हैं. जिनमे 10 बैंक व बाकी माइक्रो फाइनेंस कंपनी है.