ओडिशा पुलिस ने पूर्वी राज्य के झारसुगुड़ा जिले से रिपोर्ट किए गए डिजिटल अरेस्ट स्कैम में कथित संलिप्तता के लिए गुजरात से चार लोगों को गिरफ्तार किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को ये जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सभी आरोपी गुजरात के सूरत जिले के रहने वाले हैं. एसपी परमार स्मित परषोत्तमदास ने कहा, गिरफ्तारी झारसुगुड़ा सदर पुलिस स्टेशन में 14 मई, 2024 को दर्ज एक ‘डिजिटल अरेस्ट’ मामले के आधार पर की गई थी.’
परषोत्तमदास ने कहा कि आरोपियों ने खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारी बताकर एक बुजुर्ग व्यक्ति को धमकी दी कि उसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सामने आया है. इस दौरान उन्होंने दो बार में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से उससे 34 लाख रुपये ठग लिए. उन्होंने कहा, झारसुगुड़ा पुलिस टीमों ने पिछले पांच महीनों की जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया. एसपी ने कहा,’हमने (आरोपियों से) ठगी के 33 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं.’
‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का एक नया और तेजी बढ़ता हुआ तरीका है. इसमें जालसाज ईडी, सीबीआई के अधिकारी या पुलिस अफसर बनकर ऑडियो/वीडियो कॉल के जरिए पीड़ितों को अपनी जाल में फंसाते हैं. उन्हें डराते-धमकाते हैं. इसके बाद उनको अपनी गिरफ्त में लेकर उनसे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं.
डिजिटल अरेस्ट मामलों में अब लगातार गिरफ्तारियां होने लगी हैं. दो दिन पहले ही मध्य प्रदेश के इंदौर में लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह के दो सदस्यों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है.
आरोपी डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों को डरा-धमकाकर ठगी किया करते थे. दोनों आरोपियों से विस्तृत पूछताछ कर गिरोह के सरगना और उसके अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सूरत निवासी हिम्मत दीवानी (58) और कच्छ निवासी अतुल गिरी गोस्वामी (46) के रूप में हुई है. दोनों आरोपी साइबर ठगी के लिए गिरोह को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे. इस गिरोह से जुड़े 23 बैंक खातों पर रोक लगा दी गई है.