बिलासपुर में बाढ़ में बहे 4 बच्चे…3 की मौत:बीजापुर में पलटी नाव, 9 लोग बचाए गए, 2 बच्चियां लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सोमवार को बाढ़ में एक ही परिवार के 4 बच्चे बह गए, जिनमें से 3 की मौत हो गई। वहीं एक की तलाश जारी है। बताया जा रहा है मरही माता मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचे थे। इसी दौरान अचानक बाढ़ आ गई। मामला खोंगसरा इलाके का है।

मिली जानकारी के मुताबिक मृत बच्चों की पहचान गौरी ध्रुव (13), मुस्कान ध्रुव (13) और नितांश ध्रुव (5) के रूप में हुई है। ये सभी बलौदाबाजार जिले के भाटापारा के रहने वाले थे। परिवार के साथ दर्शन के लिए आए थे।

वहीं बीजापुर जिले में नारायणपुर के तीन ग्रामीण और कुछ स्कूली बच्चियों सहित कुल 11 लोग नाव में सवार थे। इस दौरान बाढ़ में नाव पलट जाने से 2 बच्चियां लापता हो गई हैं, जबकि 9 लोगों ने अपनी जान बचाई है।

दूसरा मामला- बिलासपुर के पचपेड़ी थाना क्षेत्र में बहा बच्चा

इसी तरह पचपेड़ी थाना क्षेत्र के टांगर गांव में एक 12 साल का बच्चा एनीकट पार करते समय नदी में बह गया। वह साइकिल से एनीकट पार कर रहा था, तभी लीलगर नदी में आए उफान के कारण एनीकट के ऊपर से तेज बहाव शुरू हो गया।

इस दौरान सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। बालक की तलाश शुरू की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। एसडीआरएफ की टीम अब मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाएगी।

तीसरा हादसा- बीजापुर में 2 बच्चियां डूब गईं

बीजापुर जिले में सोमवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। इंद्रावती नदी पार कर रही एक डोंगीनुमा नाव तेज बहाव में बेकाबू होकर पलट गई। हादसा सुबह करीब 11:30 बजे एहकेली गांव से नलगोंडा जाते समय हुआ।

नाव में नारायणपुर के तीन ग्रामीण और कुछ स्कूली बच्चियों सहित कुल 11 लोग सवार थे। यह सभी लोग धान मिलिंग कराने नलगोंडा जा रहे थे। नाव हिलने-डुलने लगी तो कुछ लोगों ने नदी में छलांग लगा दी। तभी अचानक डोंगी पलट गई और नदी में डूब गई।

सवार 11 लोगों में से 9 को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन दो बच्चियां मनीषा (10) और शर्मिला उज्जी (11), जो अपनी मां के साथ थीं। तेज बहाव में बह गईं। नगर सेना और गोताखोरों की टीम ने करीब 10 किलोमीटर तक तलाशी ली, लेकिन दोनों का पता नहीं चला।

इंद्रावती नदी के एहकेली और नलगोंडा घाट के बीच चौड़ाई लगभग 500 मीटर है। आसपास के करीब 13 गांवों के लोग नदी पार करने के लिए डोंगी पर ही निर्भर हैं। हर साल इस नदी में नाव पलटने की घटनाएं होती हैं।

फिलहाल भैरमगढ़ तहसीलदार, पुलिस, पटवारी और नगर सेना की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है। अंधेरा होने के कारण अभियान रोक दिया गया है, जो सुबह फिर से शुरू होगा।

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