बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ के मामले में कर्नाटकहाई कोर्ट ने आरसीबी के मार्केटिंग डायरेक्टर निखिल सोसले, सुनील मैथ्यू, किरण कुमार और शमंत माविनाकेरे को अंतरिम जमानत दे दी है. जस्टिस एसआर कृष्णकुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने आरोपियों पर अपना पासपोर्ट जमा करने की शर्त लगाई और अंतरिम जमानत दे दी.
आरसीबी के चार खिलाड़ियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें तुरंत रिहा करने का आदेश मांगा था. उनका कहना था कि उनके खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई अवैध है. आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के डायरेक्टर सुनील मैथ्यू, डीएनए मैनेजर किरण कुमार और सामंत माविनाकेरे ने याचिका दायर की थी. जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार की बेंच ने अंतरिम याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए अंतरिम जमानत दे दी.
गिरफ्तारी को बताया अवैध
कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडवोकेट संदेश चौटाला ने कहा कि निखिल सोसले को सीसीबी ने गिरफ्तार किया है. जब जांच सीआईडी को सौंपी गई है. ऐसे में सीसीबी के पास उसे गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है. उन्हें बिना कोई कारण बताए अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है.
दूसरी ओर, सरकार की ओर से एजी शशिकरण शेट्टी ने कहा कि उन्हें बेंगलुरु से निकलते समय गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्होंने तर्क दिया कि वे 11 निर्दोष लोगों की मौत के बारे में बहस नहीं कर रहे थे. इस पर वकील संदेश चौटा ने कहा कि सीसीबी पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया. फिर उन्हें कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल शशिकरण शेट्टी ने आपत्ति जताई कि इन सभी आरोपों का उल्लेख याचिका में नहीं किया गया है. इस पर वकील संदेश चौटा ने कहा कि सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आरोपियों को गिरफ्तार करें. सीएम जांच अधिकारी को उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश नहीं दे सकते है.
इस पर पीठ ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री को ऐसा कहने का अधिकार नहीं है? इस पर वकील संदेश चौटा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में यह स्पष्ट कर दिया है. सीएम के पास ऐसी गिरफ़्तारियों का आदेश देने का अधिकार नहीं है.
हाई कोर्ट के आदेश से आरसीबी को राहत
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में एक मंदिर की दीवार गिरने से भगदड़ मच गई थी. इसकी वजह जानने के लिए न्यायिक जांच कराई गई. फिर विशेषज्ञों की सलाह लेकर कार्रवाई की गई, लेकिन इस मामले में घटना के अगले दिन ही जनहित याचिका दायर की गई. जनहित याचिका दायर होने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद ही मौत का कारण पता चलेगा. पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. सीएम के सचिव को उनके पद से हटा दिया गया, लेकिन किसी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया.
सरकार की ओर से एजी शशिकरण शेट्टी ने कहा कि उन्हें देश से बाहर जाते समय गिरफ्तार किया गया. इस बारे में जानकारी मिलने के बाद मैं लिखित जवाब दूंगा. इसलिए उन्होंने अंतरिम जमानत न देने का अनुरोध किया.
आरसीबी के वरिष्ठ अधिवक्ता सीवी नागेश ने कहा कि सीएम और डीसीएम ने आरसीबी के प्रशंसकों को भी आमंत्रित किया है. उन्होंने तर्क दिया कि इनमें से कोई भी धारा बिना किसी इरादे के चोट पहुंचाने या मौत का कारण बनने पर लागू नहीं होती है.