सरगुजा में ब्रांच मैनेजर सहित 4 अधिकारी बर्खास्तः 28 करोड़ का को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला, 12 पर FIR; 11 अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार

जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, सरगुजा के अंतर्गत संचालित शंकरगढ़ और कुसमी बैंक के ब्रांचों में 28 करोड़ के घोटाले में शामिल ब्रांच मैनेजर सहित 4 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। सहकारी बैंक के संचालक मंडल की बैठक में यह कार्रवाई की गई है।

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दो अधिकारियों के खिलाफ डीई का आदेश दिया गया है। घोटाले की रकम संबंधित कर्मचारियों से वसूल की जाएगी। मामले में बैंक के 12 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर हुई है। इनमें 11 गिरफ्तार किए गए हैं।

जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के संचालक मंडल की बैठक बैंक के प्राधिकृत अधिकारी व सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर की अध्यक्षा में हुई। बैठक में बैंक मैनेजर अशोक सोनी, अतिरिक्त प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद पांडेय, समिति प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, सहायक लेखापाल जगदीश भगत को बर्खास्त कर दिया गया है।

प्रभारी लिपिक तबारक अली और शाखा प्रबंधक लक्ष्मण देवांगन की विभागीय जांच की जा रही है। एक अन्य अधिकारी विजय उइके को दूसरे घोटाले में बर्खास्त कर दिया गया है।

घोटाले के राशि की होगी वसूली

संचालक मंडल की बैठक में घोटाले की राशि संबंधितों से वसूल करने का निर्णय लिया गया है। घोटाले में मुख्य भूमिक तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक सोनी और राजेंद्र पांडेय की बताई गई है। नाबार्ड में शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए थे। उस समय राजेंद्र पांडेय प्रभारी अतिरिक्त प्रबंधक थे। उन्होंने रिपोर्ट दी थी कि कोई भी घोटाला नहीं हुआ है।

 

घोटाले में कुल 11 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें अंबिकापुर निवासी वरिष्ठ पर्यवेक्षक विकास चंद पांडवी, दरिमा निवासी मुख्य पर्यवेक्षक एतबल सिंह और बलरामपुर के भगवतपुर निवासी मुख्य पर्यवेक्षक सबल साय नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इन्हें भी मामले में गिरफ्तार किया गया है।

अब तक 28 करोड़ का घोटाला उजागर

बैंक के खातों की साल 2012 से 2024 तक की आडिट में शंकरगढ़ और कुसमी बैंक शाखाओं से 23 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। अब बैंकों के खातों के ऑडिट में घोटाले की रकम 28 करोड़ रुपए हो गई है। सभी अकाउंट की जांच की जा रही है।

मुख्य आरोपी शंकरगढ़ के शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी शाखाओं में 10 सालों तक पदस्थ रहे। उन्होंने बैंक में फर्जी खाते खोले। समितियों के खातों और फर्जी खातों के साथ ही बैंक के खाते से बड़ी रकम की कैश निकासी की गई। ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए गए।

आदिम जाति सहकारी समिति जमड़ी का बैंक अकाउंट बिना किसी दस्तावेज खोला गया। इसमें 19 करोड़ 24 लाख रुपए जमा किए गए और इस खाते से 19 करोड़ 22 लाख 73 हजार रुपए का आहरण किया गया। यह राशि किसानों के खाते, पंचायतों के खातों से ट्रांसफर कर जमा की गई थी।

जमुना अलंकार मंदिर अंबिकापुर के नाम पर आरटीजीएस के माध्यम से एक करोड़ 82 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। यह राशि 52 ट्रांजैक्शन में भेजी गई, जिनमें से 44 का बैंक वाउचर नहीं मिला।

शाखा कुसमी में नरेगा धनेशपुर का बोगस अकाउंट खोला गया और इसमें 3 करोड़ 19 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया। सीईओ जनपद पंचायत शंकरगढ़ का बोगस अकाउंट खोला गया। इसमें 91 लाख 57 हजार रुपए की राशि जमा कर इसे निकाल लिया गया। जनपद सीईओ ने प्रतिवेदन में बताया कि यह खाता जनपद पंचायत का नहीं है। इसमें किसानों के खातों से राशि जमा की गई।

आरोपियों के खाते में ट्रांसफर हुए पैसे

जांच में पता चला है कि, अशोक कुमार सोनी के खाते में 1 करोड़ 36 लाख रुपए, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश कुमार सिंह के खाते में 4 लाख 64 हजार रुपए, महामाया कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में 30 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। बैंक के सभी खातों में ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है।

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