उत्तर प्रदेश के बलिया में एक परिवार के 6 लोग आंखों की अजीब बीमारी से जूझ रहे हैं. इस परिवार में आठ सदस्य हैं. इनमें से चार लोगों को दिन में नहीं दिखाई देता है, वहीं दो सदस्य शाम ढलते ही रोशनी में भी नहीं देख पाते हैं. बीमारी से पीड़ित लोगों का कहना है कि बलिया जिला अस्पताल से लेकर दूसरे राज्यों के भी कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन आंखों की समस्या ठीक नहीं हुई.
बलिया-हनुमान गंज ब्लाक के बांसडीह रोड थाना क्षेत्र में टकरसन गांव है. इसी गांव में ये परिवार रहता है. इस परिवार के मुखिया का नाम राम प्रवेश पासी है. राम प्रवेश के 6 बेटे हैं. इनमें हरि पासी, रामू, भानू, जयराम को दिन में नहीं दिखता. यही समस्या पत्नी सुनीता देवी के साथ भी है, जो कि पैर से विकलांग भी है. वहीं सुनील और राज चहेलिया को रात में नहीं दिखाई देता.
परिवार आर्थिक समस्या से जूझ रहा
इस परिवार के घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. इनके पास पक्का मकान नहीं है. घर के सदस्य अभी मिट्टी के घर में रहते हैं. घरवालों का कहना है कि इनके पास राशन कार्ड भी नहीं है. इन्हें उज्ज्वला योजना समेत अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल रहा है.
बीडीओ सूर्य प्रकाश ने कहा है कि अभी तक यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं था. घर के किसी सदस्य ने इस संबंध में कोई भी शिकायत नहीं की है. जिस पंचायत के ये निवासी हैं, वहां सचिव को पीड़ित परिवार के बारे में जानकारी जुटाने को बोला गया है. अगर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, तो उन्हें जरूर इसका लाभ दिया जाएगा.
कई अस्पतालों के चक्कर काटे
पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल सहित कई नेत्र अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन कहीं राहत नहीं मिली. बचपन से ही आंखों से कम दिखाई देने लगा था. जैसे-जैसे बड़े हुए, यह समस्या बढ़ती गई. परिवार के मुखिया राम प्रवेश पासी रिक्शा चलाकर घर चलाते हैं. घर के सदस्यों का कहना है कि कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिला.
क्या बोले डॉक्टर?
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ एके ग्रोवर कहते हैं कि आंखों की बीमारी जिसे नाइक्टालोपिया या रतौंधी भी कहते हैं, इस बीमारी में रात में साफ देखने में परेशानी हो सकती है. इस बीमारी से पीड़ितों को रात में ज्यादा रोशनी में नहीं दिखता है. वहीं, जिन लोगों को दिन में नहीं दिखता है, उनको ग्लूकोमा या फिर ऑप्टिक नर्व में कुछ समस्या हो सकती है. हालांकि, एक ही परिवार के लोगों को यह समस्या क्यों हो रही है, इसको लेकर साफतौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. ऐसे किसी जेनेटिक बीमारी या ऑटो इम्यून डिजीज के कारण हो सकता है, यह एक रिसर्च का विषय है.