भारतीय रेलवे देश में रेल यातायात में सुधार को लेकर लगातार काम कर रहा है. देश के कई रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प भी कराया जा रहा है तो कई रूटों पर रेल लाइनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. मध्य प्रदेश देश के केंद्र में पड़ता है, ऐसे में यहां से ज्यादातर ट्रेनें होती हुई जाती हैं. रेल मंत्रालय ने यहां की रतलाम नागदा खंड की तीसरी और चौथी रेल लाइन प्रोजेक्ट को अपनी मंजूरी दे दी है. इस रेल लाइन के बनने से पर्यावरण को काफी फायदा मिलेगा. साथ ही रेल की भीड़भाड़ कम होगी और बंदरगाहों से आंतरिक इलाकों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले हफ्ते बताया कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से स्वीकृत रतलाम और नागदा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन प्रोजेक्ट के पूरा होने पर मौजूदा रेल लाइनों पर भीड़भाड़ कम होगी, साथ में माल ढुलाई और यात्री यातायात दक्षता बढ़ जाएगी. इसके अलावा अहम आर्थिक गलियारों में कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी.
रतलाम-नागदा खंड पर तीसरी और चौथी रेल लाइन प्रोजेक्ट को तैयार करने की अनुमानित लागत 1,018 करोड़ रुपये रखी गई है. इसकी लंबाई 41.4 किलोमीटर है और इसके तैयार होने से लाइन क्षमता उपयोग 116 फीसदी से घटकर 65 फीसदी रह जाएगा. यह प्रोजेक्ट नागदा (उत्तर), वडोदरा (दक्षिण), इंदौर (पूर्व) और चित्तौड़गढ़ (पश्चिम) जैसे अहम जंक्शनों को जोड़ेगा. इस वजह से इस रूट की क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संपर्क में अहम भूमिका रहेगी.
यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश से कांडला, पिपावाव, मुंद्रा, हजीरा, जेएनपीए, दहेज और प्रस्तावित वधावन बंदरगाह जैसे प्रमुख पश्चिमी तट बंदरगाहों तक माल की आवाजाही को बढ़ाएगी. इस वजह से मध्य और उत्तरी आर्थिक क्षेत्रों तक पहुंच भी बढ़ेगी. यही नहीं इसके बनने से इंदौर एसईजेड, छिंदवाड़ा एसईजेड, एमएमएलपी भोपाल और एमएमपीएल इंदौर के साथ-साथ दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा और नागदा थर्मल पावर प्लांट जैसे प्रमुख औद्योगिक केंद्रों को सीधा लाभ मिलेगा.
पर्यावरण को होगा फायदा, पैसे भी बचेंगे
इस प्रोजेक्ट की वजह से रोजगार बढ़ेगा और पर्यावरण के मामले में भी फायदा पहुंचेगा. इससे 28 लाख मानव-दिवस रोजगार के बनने की संभावना है. साथ ही पहले साल में 38 करोड़ किलो कार्बनडाइक्साइड (CO₂) की बचत करके पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान मिलेगा, और यह 1.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. साथ ही 11वें साल तक 16.5 करोड़ से अधिक पेड़ों के बराबर की बचत होगी. यही नहीं इस प्रोजेक्ट के बनने से 7.5 करोड़ लीटर डीजल की भी बचत होगी.
केंद्र सरकार ने इस रेल लाइन के अलावा पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश के लिए 3 नई ट्रेनें शुरू करने का ऐलान किया है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शुरू की जा रही 3 नई ट्रेन सेवाओं में जबलपुर और सतना होते हुए रीवा से पुणे तक एक ट्रेन चलेगी. इसके अलावा नैनपुर, बालाघाट और गोंदिया होते हुए जबलपुर से रायपुर तक दूसरी ट्रेन जबकि गुना और भोपाल से होते हुए ग्वालियर से बेंगलुरु तक तीसरी ट्रेन चलाई जाएगी. इन ट्रेनों का संचालन अगले 2 महीनों में शुरू होने की
उम्मीद है.