आजकल की पीढ़ी में परिवार और मां-बाप के प्रति कर्तव्य और प्यार की भावना कहीं न कहीं कमजोर होती जा रही है. एक मां-बाप अपनी पूरी जिंदगी अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देते हैं, बिना अपने बारे में सोचें. वे अपने बच्चों के लिए सारी खुशियां और सुखों का त्याग कर देते हैं
हालांकि कई बार यह सवाल उठता है कि जब बच्चे बड़े होते हैं और खुद के परिवार में व्यस्त होते हैं तो वह क्यों भूल जाते हैं कि उनके मां-बाप ने उन्हें कितना प्यार दिया था. ऐसे ही कुछ घटनाएं हमारे समाज में घट रही हैं, जिनसे यह सवाल खड़ा होता है कि आजकल की पीढ़ी के भीतर मानवता और कर्तव्य की भावना कहां खो गई है?
सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया
एक ऐसी ही घटना बिहार के दरभंगा जिले से सामने आई है, जहां एक वृद्ध मां को उनके बच्चों ने अकेला छोड़ दिया. इस बुजुर्ग महिला की हालत बहुत ही दयनीय थी और वे सड़क पर मरने के लिए छोड़ दी गई थी. महिला को आवारा कुत्तों ने घेर लिया था और वे अपनी हालत पर आंसू बहा रही थी.
बोल भी नहीं पा रही थी महिला
दरभंगा में मिथिला विश्वविद्यालय के पास रात के समय एक बीमार बुजुर्ग महिला को उनके परिवार के लोग छोड़कर भाग गए थे. महिला इतनी बीमार थी कि वह खुद से कुछ भी नहीं बता पा रही थी. स्थानीय लोगों ने सुबह जब उस वृद्ध महिला को देखा. कुत्ते उसे चारों ओर से घेर रहे थे.
पुलिस ने इलाज के लिए DMCH भेजा
स्थानीय लोगों ने कुत्तों को भगाया और महिला की मदद के लिए भाजपा नेत्री मीना झा को सूचना दी. मीना झा और स्थानीय पार्षद मुकेश महासेठ मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने वृद्ध महिला को इलाज के लिए डीएमसीएच भेजा. इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों में बहुत गुस्सा था और वे उस महिला के बच्चों पर आक्रोशित थे, जिन्होंने अपनी बीमार मां को इस हाल में छोड़ दिया.
भाजपा महिला नेत्री मीना झा ने कहा कि यह बहुत अमानवीय कृत्य है. उन्होंने कहा, “एक मां अपने बच्चों का पालन-पोषण और शिक्षा देती है, लेकिन क्या चार बच्चे अपनी बीमार मां की सेवा भी नहीं कर सकते?” उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना बहुत दुखद है, क्योंकि जब इस बुजुर्ग महिला को अपने बच्चों की जरूरत थी तो उन्हें इस तरह से अकेलाछोड़ दिया गया.