उज्जैन में शनिचरी अमावस्या के मौके पर शनि मंदिर में दर्शन के बाद एक बड़ा रिश्वतकांड सामने आया। आगर मालवा जिले की कंवराखेड़ी पंचायत का रोजगार सहायक भगवान सिंह सोंधिया 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया। खास बात यह रही कि जब आरोपी ने फरियादी से रुपए लिए, तभी पास ही मौजूद लोकायुक्त डीएसपी ने मजाकिया अंदाज में पूछा—“गिन लिए, पूरे हैं ना?” जिस पर आरोपी ने जवाब दिया—“हां, पूरे हैं।” इसके तुरंत बाद टीम ने उसे दबोच लिया।
लोकायुक्त डीएसपी दिनेश चंद्र पटेल ने बताया कि मंगलवार को ग्राम कंवराखेड़ी के निवासी राजेश दांगी ने शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राजेश के भाई बालचंद दांगी को मकान स्वीकृत हुआ था। पहली किस्त 25 हजार रुपए मिल चुकी थी, लेकिन अगली किस्त 40 हजार जारी करने के लिए रोजगार सहायक भगवान सिंह ने 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग की।
शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने ट्रैप की योजना बनाई। इस बीच आरोपी रोजगार सहायक ने फरियादी को बताया कि वह शनिचरी अमावस्या पर उज्जैन स्नान और शनि मंदिर में पूजा करने आ रहा है। इसी दौरान उसने मंदिर परिसर में ही रिश्वत लेने का प्रस्ताव रखा। योजना के अनुसार, फरियादी भी महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंचा और तय समय पर शनि मंदिर पहुंचकर आरोपी को पैसे थमा दिए।
जैसे ही रकम आरोपी ने अपने हाथ में ली, लोकायुक्त टीम ने उसे घेर लिया और रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आरोपी को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस ले जाकर आगे की कार्रवाई की गई।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात की गवाही देता है कि भ्रष्टाचार कितनी गहराई तक फैला हुआ है। धार्मिक स्थल और पूजा-पाठ के बीच भी सरकारी कर्मचारी अपने स्वार्थ के लिए रिश्वतखोरी से बाज नहीं आते। हालांकि, लोकायुक्त की त्वरित कार्रवाई ने इस गोरखधंधे को उजागर कर दिया और आरोपी को जेल की राह दिखा दी।