मेरठः शहर में एक घर से सांप के 40 बच्चे निकलने से हड़कंप मच गया. जैसे ही मोहल्ले के लोगों को इसकी सूचना लगी अफरा-तफरी मच गई. लोगों ने तुरंत इसकी जानकारी वन विभाग की टीम को दी. मौके पर पहुंची टीम ने इन बच्चों को रेस्क्यू किया. इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ दिया. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. हालांकि लोगों को अभी भी नागराज परिवार के और सदस्य होने का डर सता रहा है.
जानकारी के मुताबिक पूरा घटनाक्रम मेरठ की सरस्वती लोक कॉलोनी का है. इस कॉलोनी के मकान नंबर C-220 में जगजीत सिंह का परिवार रहता है. मंगलवार को ज़ब बच्चे खेल रहे थे तभी उन्होंने छोटे-छोटे सांप (सपोले) को घर की निचली मंजिल पर रेंगते हुए देखा. बच्चों ने घर के बड़ों को इसकी सूचना दी. जैसे ही परिजनों ने मौके पर जाकर देखा तो उनके हाथ पैर फूल गए. अचानक हल्ला मच गया. सूचना पर मोहल्ले वाले पहुंच गए. अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इस बीच किसी ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी.
वन विभाग की SDO अंशु चावला ने बताया कि वह टीम के साथ मौके पर गईं. सांप के बच्चों को रेस्क्यू किए जाने का अभियान चलाया गया. वहां से 28 सांप के बच्चों को खोजकर उन्हें सुरक्षित ढंग से टीम ले गई थी. उन्हें बाद में वहां से जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया. बीते दिन यानी बुधवार को फिर वहां से सूचना आई की 12 सपोले और रेंग रहे हैं. इस पर टीम फिर मौके पर गई और उन्हें रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया. पूरे मामले पर नजर रखी जा रही है. परिवार से सतर्क रहने के लिए कह दिया है.
सांप विशेषज्ञ बताते हैं कि 2022 में भारत में सांप की 343 प्रजातियां चिह्नित की गई थी. इनमें से 20 फीसदी ही जहरीले सांप की श्रेणी में आते हैं. इनमें से सिर्फ 4 सांप ऐसे होते हैं जिनके कांटने से 90 प्रतिशत मौते होतीं हैं. इन्हें बिग फोर कहा जाता है. एक आंकड़े के अनुसार भारत में हर वर्ष सांप के काटने से 40 हजार मौतें होती हैं. इनमें से करीब 36 हजार मौतें इन्हीं सांपों के काटने के कारण हुई है.