लखनऊ। उत्तर प्रदेश ATS ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो जन सेवा केंद्रों के जरिए घुसपैठियों को फर्जी आधार कार्ड उपलब्ध करा रहा था। यह गैंग लंबे समय से बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को भारतीय पहचान दिलाने का धंधा कर रहा था। पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि यह गैंग जन सेवा केंद्रों पर काम करने वाले कुछ कर्मचारियों और स्थानीय ठगों का नेटवर्क था। ये लोग फर्जी दस्तावेज तैयार कर 40 हजार रुपये में आधार कार्ड बनाते थे। इसके जरिए विदेशी घुसपैठिए न केवल भारत में लंबे समय तक रह पा रहे थे, बल्कि सरकारी सुविधाओं का भी गलत तरीके से फायदा उठा रहे थे।
जांच में सामने आया है कि यह गैंग अलग-अलग जिलों में सक्रिय था और कई जगह इनके नेटवर्क फैले हुए थे। गिरोह के सदस्य पहले फर्जी राशन कार्ड, पते और पहचान पत्र तैयार करते, फिर आधार केंद्रों में बैठकर उसका इस्तेमाल कर आधार कार्ड बनवा देते। हर कार्ड के लिए वे मोटी रकम वसूलते थे।
ATS ने आरोपियों से बड़ी संख्या में दस्तावेज, आधार कार्ड मशीन से जुड़े उपकरण और कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं। अब यह जांच की जा रही है कि इस गिरोह ने अब तक कितने आधार कार्ड जारी किए और कितने विदेशी नागरिकों को इसका फायदा पहुंचाया।
अमिताभ यश ने बताया कि इस तरह की गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। फर्जी पहचान पत्र के सहारे घुसपैठिए आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। इसीलिए ATS लगातार इस तरह के नेटवर्क पर नजर बनाए हुए है।
पुलिस फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस रैकेट में कितने और लोग शामिल हैं और उनकी पहुंच कहां तक है। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।