लाइव म्यूजिक कॉन्सर्ट का एक अलग ही क्रेज होता है – भीड़, दीवानगी और सबसे अच्छी सीट पाने की होड़. हम बात कर रहे हैं दिलजीत दोसांझ की जिनका जादू इस समय पूरी दुनिया में छाया हुआ है. दिल्ली के फैन्स को अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में दिलजीत के ‘दिल-लुमिनाटी वर्ल्ड टूर’ के दो शोज देखने का मौका मिलेगा.
लेकिन, दोनों कॉन्सर्ट के टिकट पहले ही बिक चुके हैं. असल में टिकट काउंटर खुलते ही कुछ घंटों में सभी आधिकारिक टिकट खत्म हो गए. पता चला है कि इन टिकटों की ब्लैक मार्केट में भारी मांग है. दिल्ली पुलिस ने कुछ लोगों को दिलजीत के फर्जी टिकट बेचने के आरोप में गिरफ्तार भी किया है.
टिकट की भारी मांग
दिलजीत के शो की इतनी भारी मांग की वजह भी साफ है. वह एक ग्लोबल म्यूजिक आइकन हैं, जिनकी धुनों पर लोग यूके से लेकर फ्रांस और जर्मनी तक थिरक रहे हैं. जैसे-जैसे दिलजीत का दिल्ली वाला शो करीब आ रहा है, टिकटों के लिए मारा-मारी मच गई है. 26 और 27 अक्टूबर को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होने वाला यह कॉन्सर्ट आधिकारिक रूप से पूरी तरह से बुक है. लेकिन ब्लैक मार्केट में टिकटों की कीमतें आसमान छू रही हैं.
20,000 का एक टिकट
हमारी टीम ने अरुण (नाम बदला हुआ) से संपर्क किया. जिसे एक चेन के जरिए ढूंढा गया और उसने नोएडा के सेक्टर 74 में मिलने का समय तय किया. अरुण से मिलते ही उसने सीधे मुद्दे पर बात शुरू की. उसने कहा, “आपको 6 टिकट चाहिए, है ना? कौन सी चाहिए— गोल्ड या सिल्वर? दोनों का इंतजाम हो जाएगा, कोई दिक्कत नहीं है.” हमने उसे बताया कि हमें गोल्ड कैटेगरी के टिकट चाहिए.
फिर उसने अपने मोबाइल पर अलग-अलग तरह के बैंड (जो स्टेडियम में एंट्री के लिए पहचान के तौर पर इस्तेमाल होते हैं) की फोटो दिखाई. हमने उससे पूछा कि क्या ये टिकट असली हैं. उसने जवाब दिया, “टिकट असली हैं और बेचने वाला भी भरोसेमंद है.” हमने उससे यह भी पक्का किया कि टिकट 26 अक्टूबर के दिल्ली शो के ही हैं न, ना कि चंडीगढ़ या जयपुर के. अरुण ने हमें आश्वस्त किया कि टिकट दिल्ली शो के ही हैं.
जाहिर है, ‘दिल-लुमिनाटी’ के टिकट ब्लैक मार्केट में उपलब्ध हैं. लेकिन बहुत महंगे दामों पर. उदाहरण के लिए गोल्ड कैटेगरी के टिकट, जिनकी आधिकारिक कीमत 4000 से 9000 रुपये के बीच है, ब्लैक मार्केट में 20,000 रुपये तक में बेचे जा रहे हैं.
हमारी टीम को भरोसा दिलाया गया कि टिकट असली हैं, लेकिन यह पक्का करने का कोई तरीका नहीं था. आखिरकार दिलजीत और कोल्डप्ले के नाम पर टिकट स्कैम की खबरें रोज आ रही थीं. ये सिर्फ कुछ लोग जल्दी पैसा कमाने के लिए आश्वासन दे रहे थे. हमने अरुण से बैंड के बारे में पूछा तो उसने अपने मोबाइल पर फिर से फोटो दिखाए और हमारी चिंताओं को समझने की बात कही.
टिकट घर तक पहुंचने का वादा
हमने आरके से पूछा कि 6 गोल्ड टिकटों के लिए वह कितने पैसे लेगा. उसने बताया कि कुल 84,000 रुपये लगेंगे. हमने पूछा कि क्या वह कैश में भुगतान लेगा, तो आरके ने कहा कि उसे पेमेंट के किसी भी तरीके से कोई दिक्कत नहीं है.
आरके ने बताया कि टिकट मेल के जरिए भेजे जाएंगे और उनमें एक आईडी होगी जो रेफरेंस के लिए इस्तेमाल की जा सकेगी. हमने उससे पूछा कि फिजिकल टिकट कब मिलेंगे, तो उसने कहा कि कॉन्सर्ट से 10 दिन पहले टिकट हमारे घर पहुंच जाएंगे. उसने यह भी बताया कि हम रेफरेंस आईडी तुरंत चेक कर सकते हैं, जो दिखाएगी कि टिकट हमारे नाम से रजिस्टर हैं.
दिलचस्प बात यह है कि आरके ने यह भी खुलासा किया कि कुछ लोग किस तरह से टिकटों के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं. उसने समझाया, “कुछ लोग एक ही टिकट की हार्ड कॉपी को कई बार बेच रहे हैं. जैसे मैंने एक टिकट खरीदा, उसे दस बार बेचा. जब वह एक बार आपके लिए काम कर गया, तो मैं उसे दस और बार बेचता हूं. यही स्कैम है.”
10 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग की जांच की मांग को लेकर एक नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के व्यापार और कर विभाग से जवाब मांगा है. लेकिन जब तक कोई जांच समिति गठित नहीं होती और जांच शुरू नहीं होती, तब तक दिलजीत के पक्के फैन्स ब्लैक मार्केट में भारी कीमत चुकाकर ही स्टेडियम में पहुंच पाएंगे.
विदेशी टिकटिंग वेबसाइट कमा रही खूब मुनाफा
दिलजीत दोसांझ के ‘दिल-लुमिनाटी टूर’ के बढ़ते क्रेज के साथ-साथ टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग भी बढ़ गई है. यह टिकट जिनकी भारी मांग है, बड़े पैमाने पर खरीदे गए हैं और अब उन्हें ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा है. इस सब में सबसे ज्यादा कमाई टिकटिंग प्लेटफॉर्म कर रहे हैं जैसे कि विदेशी वेबसाइट Viagogo. यहां दिलजीत के कॉन्सर्ट के टिकट उनकी असली कीमत से 10 गुना ज्यादा दाम पर बेचे जा रहे हैं.
Viagogo एक सेकेंडरी टिकट मार्केटप्लेस की तरह काम करता है, जहां लोग अपने टिकट्स को फिर से बेच सकते हैं. लेकिन इसमें एक पेच है- टिकटों की कीमत मांग और आपूर्ति के आधार पर बदलती रहती है. जब मांग ज्यादा होती है और टिकट कम होते हैं, तो कीमतें आसमान छू जाती हैं. Viagogo इस रिसेल को बढ़ावा देता है, जिससे सेलर्स मुनाफा कमा रहे हैं और खरीददार ज्यादा कीमत चुकाने को मजबूर हो जाते हैं. Viagogo सेलर्स से भारी कमीशन लेता है और खरीददारों पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाता है. जिससे टिकट की कीमतें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं.
क्या कहते हैं कानून के जानकार
भारत में इन टिकटों को खरीदने वाले लोग अंधेरे में हैं क्योंकि ये प्लेटफॉर्म्स विदेश में स्थित हैं, जिससे भारतीय एजेंसियों के लिए इन्हें ट्रैक करना लगभग नामुमकिन है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील और साइबर कानून विशेषज्ञ अनुज अग्रवाल का कहना है, ‘यह उन शर्तों पर निर्भर करता है, जो टिकट जारी करने वाली संस्था द्वारा निर्धारित की जाती हैं. इन शर्तों के तहत किसी और को टिकट बेचना या ट्रांसफर करना आमतौर पर मना होता है. अगर कोई नहीं जा पाता, तो उसे टिकट की रकम उसी विक्रेता से वापस लेनी होती है. अगर कोई वेबसाइट भारत के बाहर से काम कर रही है और विदेशी मुद्रा में टिकट के पैसे ले रही है, तो उसे भारत में रजिस्टर होना होगा. अगर वे रजिस्टर नहीं हैं तो वे भारत में वैध रूप से कारोबार नहीं कर सकते. इससे ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा भी संभव नहीं है और यह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का उल्लंघन हो सकता है. इसलिए ऐसी वेबसाइटें कानूनी तौर पर वैध व्यापार नहीं कर रही हैं और उनके टिकट अवैध माने जा सकते हैं. ऐसे में खरीददार जोखिम उठा रहे हैं.’
फैन्स ज्यादा पैसे तो दे रहे हैं लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उन्हें टिकट मिलेंगे भी या नहीं. दिलजीत दोसांझ का दिल्ली कॉन्सर्ट कुछ ही हफ्तों में होने वाला है. अब देखना यह है कि क्या प्रशासन कोई कदम उठाता है या फिर ब्लैक मार्केटिंग यूं ही चलती रहेगी.