बुंदेलखंड में 4250 तालाब लापता, HC ने यूपी के 7 DM को दिया नोटिस, जानें पूरा मामला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुंदेलखंड के सात जिलों झांसी, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर और जालौन में गायब होते जलाशयों व तालाबों की स्थिति पर जिलाधिकारियों को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत हलफनामे में जानकारी मांगी है. कोर्ट ने कहा कि 1359 फसली से 20 साल तक का सर्वे करा कर जिलाधिकारी बताएं कि क्षेत्र में कितने तालाब मौजूद हैं और कितने गायब हो चुके हैं. यह भी बताएं कि तालाबों के गायब होने का कारण क्या है.

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की एकलपीठ ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. अखबार में बुंदेलखंड क्षेत्र में लगभग 4250 तालाब गायब होने की खबर छपी. कोर्ट ने रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पंजीकृत करने का आदेश दिया. साथ ही अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिहं और एससी वर्मा को न्यायमित्र नियुक्त किया.

बड़ी संख्या में गांवों में गायब हो गए तालाब

शुक्रवार को न्यायमित्र अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह ने दलील दी कि चित्रकूट जिले के मऊ तहसील, गांव रामाकोल में तालाब और भीटा की जमीन चकबंदी में लोगों को आवंटित कर दी गई. इससे बड़ी संख्या में गांवों में तालाब गायब हैं. उन्होंने कोर्ट से जल जीवन मिशन व मनरेगा के तहत बनाए गए तालाबों का अलग जानकारी मांगने की प्रार्थना की.

हाईकोर्ट ने तालाबों की जानकारी मांगी

कोर्ट ने सात जिलों के डीएम को नोटिस जारी कर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वे करने और गायब और मौजूद तालाबों को विस्तृत जानकारी व्यक्तिगत हलफनामा के साथ प्रस्तुत करने का आदेश दिया. कोर्ट ने अगली तिथि 17 सितंबर नियत की है.

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