इंदौर (MP Police)। पुलिस ने ऐसे अपराधियों की कुंडली बनाई है जो पूरे देश में सक्रिय हैं और लूट-चोरी और डकैती करते हैं। करीब एक महीने की मशक्कत के बाद 138 गिरोह चिह्नित किए, जिनमें 439 सक्रिय अपराधी हैं। कई गिरोह ऐसे हैं जिनकी कमान महिलाओं के हाथों में है। बाग-टांडा के इन अपराधियों की समीपस्थ जिलों को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है।
डीआईजी (ग्रामीण) निमिष अग्रवाल के मुताबिक धार जिले के बाग-टांडा के बदमाश पूरे देश में अपराध करते हैं। बाहरी राज्यों की पुलिस प्रतिदिन दबिश देने आती है। दूसरे राज्यों में वारदात करने वाले अपराधियों का पुलिस रिकार्ड में ब्योरा ही नहीं था। लिहाजा विशेष दस्ते गठित कर देश के अलग-अलग राज्यों से जानकारी एकत्र की गई है।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
डीआईजी के मुताबिक 138 गिरोह ऐसे मिले जिनके बदमाश असम, तेलंगाना, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में वारदात कर चुके हैं। इन गिरोह में कुल 439 अपराधी ऐसे मिले जिनके विरुद्ध लूट, चोरी और डकैती के प्रकरणों की लंबी फेहरिस्त है। पुलिस ने फोटो, फिंगर प्रिंट, आधार, बैंक खाते और मोबाइल नंबर सहित एक-एक अपराधी की कुंडली बनाई है।
डीआईजी के मुताबिक गैंग क्रमांक 41 सबसे खतरनाक है। इसमें मानसिंह पांचाल, मोहब्बत बचाह, रेमसिंह, भाया सिंह, पथालिया, नुनका उर्फ कड़क और रमेश निवासी कुक्षी हैं। इस गिरोह पर कुल 68 अपराध दर्ज हैं।
इसमें तेलंगाना के रेंगारेड्डी दुंगल, माचारेड्डी कुमारेड्डी, जकगतियात टाउन, मेडचेल, रंगारेड्डी जेदिमेटला, रंगारेड्डी पेट बशिराबाद, रंगारेड्डी मियापुर, बारांगल काकतिया थाने में ही 40 से ज्यादा केस हैं। इसी तरह गैंग क्रमांक 5 में आलम सिंह, चाम सिंह, जालम सिंह, रोहित सोनी, दिलीप सोनी, सुअर सिंह सहित गमबाई और पेमाली बाई भी शामिल हैं।
पुलिस ने बाग-टांडा के 20 से ज्यादा गांवों में सक्रिय बदमाशों का रिकॉर्ड जुटाया है। इन गांव में सुनार भी है जो चोरी का सोना बिकवाने का काम करते हैं। गांव में स्थानीय पुलिस की मदद के बगैर बाहरी पुलिस घुस नहीं सकती है।
पुलिस पर भी बदमाश हमला कर देते हैं। पिछले दिनों जोन-1 के डीसीपी विनोद कुमार मीना ने एक करोड़ से अधिक का सोना पकड़ा था। डीसीपी को 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का दल भेजना पड़ा था।