भारत जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा निवेश देखने वाला है। चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई अपने 500 अरब डॉलर (करीब 44 लाख करोड़ रुपये) के “स्टारगेट सुपरकंप्यूटिंग प्रोजेक्ट” को भारत लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी भारतीय डाटा सेंटर कंपनियों और रिलायंस इंडस्ट्रीज से बातचीत कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ओपनएआई इस प्रोजेक्ट के लिए सिफी टेक्नोलॉजीज, योटा डेटा सर्विसेज, ई2ई नेटवर्क्स और सीटीआरएलएस डाटा सेंटर्स जैसी कंपनियों से चर्चा कर रही है। वहीं, सबसे अहम बातचीत मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ हो रही है, जो गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा डाटा सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रही है।
भारत सरकार ने भी ओपनएआई से इस प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा भारत में लाने की अपील की है। सरकार का कहना है कि कंपनी को यहां निवेश बढ़ाना चाहिए और भारतीय यूजर्स का डाटा लोकल लेवल पर स्टोर करना चाहिए। इससे न केवल सर्विस में सुधार होगा बल्कि भारत वैश्विक एआई क्रांति का केंद्र भी बन सकेगा।
स्टारगेट प्रोजेक्ट की घोषणा जनवरी में की गई थी। इसका लक्ष्य चार सालों में अमेरिका और अन्य देशों में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 500 अरब डॉलर का निवेश करना है। इस प्रोजेक्ट में सॉफ्टबैंक, ओपनएआई, ओरेकल और एमजीएक्स शुरुआती निवेशक हैं। इसमें माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया और आर्म जैसे बड़े टेक पार्टनर्स भी जुड़े हुए हैं।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका के बाद भारत कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और यहां की तेज़ ग्रोथ को देखते हुए आने वाले समय में यह सबसे बड़ा बाजार भी बन सकता है। कंपनी नई दिल्ली में ऑफिस खोल रही है और लोकल लेवल पर नियुक्तियां बढ़ा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की मौजूदा डाटा सेंटर क्षमता अभी सीमित है, लेकिन गूगल, रिलायंस और अन्य कंपनियों के नए निवेश से स्थिति तेजी से बदल रही है। अगर यह डील तय होती है तो भारत न केवल एआई रिसर्च और डेवलपमेंट का वैश्विक हब बनेगा बल्कि टेक्नोलॉजी और रोजगार के क्षेत्र में भी बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।