हैदराबाद से 5-बाइकों की चोरी, बस्तर में बेचने की कोशिश:सोल्ड बाइक में कार का नंबर लगाकर डील कर रहे थे, सिंडिकेट के 3 पकड़ाए, 1 की तलाश जारी

छ्त्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पुलिस ने बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के लोग हैदराबाद से 5 सोल्ड बाइकों की चोरी किए। फर्जी तरीके से किसी भी कार का नंबर लगाकर, फर्जी RC बनाकर बेचने की तैयारी में थे।

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हालांकि, पुलिस ने इस गिरोह के 3 लोगों को पकड़ लिया है। इनके पास से 7 लाख 50 हजार रुपए की 5 बाइकें और प्रिंटर मशीनें बरामद की हैं। हैदराबाद के 1 मुख्य आरोपी की तलाश जारी है। मामला जिले के गीदम थाना क्षेत्र का है।

पहले समझिए पुलिस ने इन्हें कैसे पकड़ा?

दरअसल, एक दिन पहले गीदम पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इस दौरान एक लाल रंग की स्प्लेंडर बाइक को रुकवाया। बाइक चालक ने अपना नाम गुलशन नाहटा निवासी गीदम बताया। बाइक में CG 17 C 1880 RTO नंबर प्लेट लगा हुआ था। वहीं जब इससे गाड़ी से संबंधित दस्तावेज मांगे गए तो इसने नहीं दिया।

तभी पुलिस को इसपर शक हुआ और ऑनलाइन बाइक नंबर की डिटेल्स निकाली। पुलिस को पता चला कि ये बाइक का नंबर नहीं बल्कि महेश राम बघेल के नाम से रजिस्टर अल्टो कार का नंबर है। जिसके बाद पुलिस को शक हुआ की चोरी की बाइक है। पुलिस ने गुलशन को हिरासत में लिया।

जिसके बाद उससे और पूछताछ की गई तो उसने बताया कि गाड़ी हैदराबाद से चोरी कर लाई गई है। उसके गैराज में 4 और बाइकें जिसमें 2 बुलट, 1 पल्सर और 1 स्प्लेंडर खड़ी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन बाइकों को भी बरामद किया।

जिसके बाद पूछताछ में गुलशन ने अपने अन्य तीन साथी रिज्जू के. जे., प्रवीण गोलछा, कैलाश निषाद के बारे में भी जानकारी दी। पुलिस ने कैलाश निषाद और रिज्जू के.जे. को भी पकड़ा। हालांकि, प्रवीण गोलछा हैदराबाद में है जिसकी तलाश जारी है।

अब सिलसिलेवार समझिए कैसे चोरी किए

हैदराबाद में अलग-अलग बाइक शो-रूम से ग्राहकों ने जब बाइक खरीदी तो इस गिरोह के सदस्य उनका पीछा किए। वो बाइक कहां रख रहे हैं? कहां ले जा रहे हैं? उसका पता किए। फिर गिरोह के लोग मौका पाकर अलग-अलग दिन में बाइक चोरी किए।

हैदराबाद में रहने वाला प्रवीण गोलछा (35) इसका मुख्य आरोपी है। वह गीदम का ही रहने वाला है, लेकिन पिछले कुछ सालों से हैदराबाद में शिफ्ट है। गीदम के गुलशन नाहटा से परिचित था। दंतेवाड़ा जिला और बस्तर संभाग नक्सल इलाका है।

यहां किसी को पता नहीं चलेगा सोचकर वहां से चोरी की बाइक को यहां गांवों में बेचने इनके बीच डील तय हुई थी। प्रवीण ने वहां से चोरी की बाइक को पिकअप के माध्यम से गीदम भिजवाया। यहां गुलशन अपने साथी रिज्जू के साथ मिलकर गाड़ियों को लिया और अपने गौराज में छिपाकर रखा था।

वहीं इन दोनों की जगदलपुर के कैलाश निषाद से जान-पहचान थी। कैलाश CSC सेंटर चलाने का काम करता है। वह नेट से जगदलपुर पासिंग CG-17 का रेंडमली गाड़ी नंबर निकाला। फिर फर्जी तरीके से RC बुक बनाया। जिसे ग्राहक को बेचने की तैयारी थी उसके नाम को एडिट कर नया RC बुक तैयार किया।

RC बुक में चिप की जगह एडिट कर चिप की फोटो लगाया। गाड़ी बेचने पर उससे मिलने वाले पैसे ये चारों बराबर बांटने के फिराक में थे। हालांकि, इससे पहले ही गीदम पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया।

गीदम पुलिस ने की वाहन चेकिंग

दरअसल, गीदम पुलिस लगातार वाहनों की चेकिंग कर रही है। एक दिन पहले हुई इस कार्रवाई में थाना प्रभारी विजय पटेल की मौजूदगी में SI शशिकांत यादव, ASI संतोष यादव, प्रशांत सिंह, प्रधान आरक्षक राजकुमार सिंह और आरक्षक केशव पटेल ने कार्रवाई की है। SDOP गोविंद दीवान ने इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की। साथ ही सिंडिकेट का पता लगाया।

SP ने किया खुलासा

दरअसल, दंतेवाड़ा जिले के SP गौरव राय ने प्रेस वार्ता लेकर इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि एक मुख्य आरोपी की तलाश जारी है। इन तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस गिरोह में और कितने लोग शामिल थे ये जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

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