कोलकाता गैंगरेप केस में 5 सदस्यीय SIT गठित, ACP प्रदीप घोषाल की देखरेख में होगी जांच

कोलकाता पुलिस ने लॉ कॉलेज गैंग रेप केस की जांच जारी रखने के लिए एसीपी प्रदीप कुमार घोषाल की देखरेख में 5 सदस्यीय स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है. साउथ कोलकाता में स्थित एक लॉ कॉलेज के कैम्पस में फर्स्ट ईयर की छात्रा के साथ 25 जून को गैंग रेप का मामला सामने आया था. इस केस में अब तक मुख्य आरोपी समेत कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है. मोनोजीत के अलावा गिरफ्तार तीन अन्य आरोपियों में साउथ कोलाकाता लॉ कॉलेज के ही प्रथम वर्ष के छात्र जैब अहमद, द्वितीय वर्ष के छात्र प्रमित मुखर्जी और एक सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी शामिल हैं.

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अदालत ने सभी आरोपियों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इस बीच पीड़िता के वकील ने आज तक से बातचीत में बताया कि छात्रा के साथ बलात्कार से पहले उसके साथ कॉलेज कैम्पस में स्थित यूनियन रूम में छेड़छाड़ की गई थी. आरोपी उसे यहां से घसीटकर सिक्योरिटी गार्ड के कमरे में ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया. वकील ने कहा ​कि गिरफ्तार प्रमुख आरोपी मोनोजीत मिश्रा अपने राजनीतिक जुड़ाव के कारण बहुत प्रभावशाली है. मोनोजीत कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद इकाई का पूर्व अध्यक्ष है और कथित तौर पर टीएमसी के छात्र संगठन के दक्षिण कोलकाता विंग का संगठनात्मक सचिव है.

पुलिस ने मामले की जांच जारी रहने के दौरान और गिरफ्तारियों की संभावना से इनकार नहीं किया है. पुलिस ने कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी की गिरफ्तारी के संबंध में कहा कि वह वारदात के समय कैम्पस में मौजूद था और आरोपी के निर्देश पर छात्रा को अकेला छोड़कर गार्ड रूम से चला गया था. पुलिस ने कहा कि महिला द्वारा बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद गार्ड ने उसकी मदद नहीं की. घटना की सूचना कॉलेज प्रशासन या पुलिस को देना गार्ड की जिम्मेदारी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. पूछताछ के दौरान उसकी लापरवाही की पुष्टि हुई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

पीड़ित छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में आरोप लगाया है कि कॉलेज का मेन गेट बंद करके सुरक्षा गार्ड को कमरे के बाहर बैठा दिया गया. वह मौके पर मौजूद था, बावजूद इसके उसने कोई हस्तक्षेप नहीं किया. मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को 25 जून को गिरफ्तार किया गया, जबकि सह-आरोपियों प्रथम वर्ष के छात्र 19 वर्षीय जैब अहमद और द्वितीय वर्ष के छात्र प्रमित मुखर्जी को 26 जून को गिरफ्तार किया गया. वहीं, गार्ड पिनाकी बनर्जी को 28 जून को गिरफ्तार किया गया. छात्रा की शिकायत के अनुसार, जब वह परीक्षा के लिए फॉर्म भरने कैंपस पहुंची तो उस पर हमला किया गया. उसे जबरन गार्ड रूम में ले जाया गया, जहां उसके कपड़े उतारे गए और उसके साथ बलात्कार किया गया.

पीड़ित छात्रा के मुताबिक उसने मोनोजीत मिश्रा के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, जिस कारण उसने उसके साथ बलात्कार किया. पीड़िता के मुताबिक मोनोजीत ने इस पूरे कृत्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया और बाद में वीडियो का इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने और धमकाने के लिए किया. पुलिस के अनुसार, मेडिकल जांच में आरोपों की पुष्टि हुई और छात्रा के साथ रेप, शरीर पर काटने के निशान और नाखून के खरोंच के निशान पाए गए. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार की घटना के बाद इस वारदात ने एक बार फिर पश्विम बंगाल में राजनीतिक बयानबाजी और आरोपों को हवा दे दी है.

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटना को भयावह बताया और इसके लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और इसकी तुलना सनसनीखेज आरजीकर मामले से की. उन्होंने कहा, ‘आरजीकर का खौफ खत्म नहीं हुआ है, और बंगाल में रोजाना इसी तरह के जघन्य अपराध सामने आ रहे हैं.’ अगस्त 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. इस जघन्य अपराध के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हुए और शिक्षण संस्थानों में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने की मांग की गई.

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