छत्तीसगढ़ कोल स्कैम केस में EOW ने मंगलवार को 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पकड़े गए पांचों आरोपी जेल में बंद कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के साथ काम करते थे। ED की जांच में भी इन आरोपियों का नाम सामने आया था।
EOW ने सभी को मंगलवार को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया और 14 दिन की रिमांड के लिए आवेदन लगाया। इसके बाद कोर्ट ने पांचों आरोपियों को कोर्ट ने 5 दिन की EOW की रिमांड पर सौंप दिया है। अब आरोपियों से 22 जून तक पूछताछ होगी।
कोल लेवी का करते थे काम
EOW ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन कुमार सिंह, पारेख कुमार कुर्रे, राहुल कुमार सिंह और मोंटू उर्फ वीरेंद्र कुमार जायसवाल शामिल हैं। आरोप है कि पांचों रायपुर, कोरबा, सूरजपुर में रहकर गैंग के लिए कोल लेवी का काम करते थे। EOW ने 14 दिन की रिमांड मांगी है।
1 जुलाई तक सूर्यकांत, रानू साहू को जेल
वहीं दूसरी ओर कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, निलंबित IAS समीर विश्नोई, रानू साहू और सौम्या चौरसिया को भी कोर्ट में पेश किया गया। इन सभी की न्यायिक रिमांड आज खत्म हो गई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फिर 1 जुलाई तक सभी को जेल भेज दिया है।
बिलासपुर और कोरबा के कारोबारी से EOW कर रही पूछताछ
छत्तीसगढ़ में 570 करोड़ के कोल लेवी वसूली मामले में EOW की टीम ह 2 आरोपियों से पूछताछ कर रही है। 13 जून को EOW ने बिलासपुर और कोरबा के दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया है। दोनों को 14 जून को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश कर 20 जून तक पूछताछ के लिए रिमांड लिया गया है।
सिंडिकेट बनाकर हुई 570 करोड़ की वसूली
छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ED की रेड में सामने आया था। दावा है कि, कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था।
इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड रुपए की वसूली की गई।
कोल स्कैम केस में कई बड़े नाम
आरोप यह भी है कि पूरे मामले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को पूर्व CM भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया का संरक्षण प्राप्त था। ईडी की रेड में पहले आईएएस समीर बिश्नोई फिर कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
दूसरे चरण में उनसे पूछताछ के बाद कोल व्यापारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया। साथ ही IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया को भी गिरफ्तार किया गया। EOW की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सौम्या ने सुप्रीम कोर्ट तक में जमानत याचिका लगाई पर उन्हें जमानत नहीं मिल पाई।
छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले मामले में ED के प्रतिवेदन पर ACB /EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है, जिस पर अब ACB की टीम जांच तेज कर दी है।