लगता है इन दिनों साइबर अपराधियों की नजर मालवा क्षेत्र में पड़ चुकी है. दो दिनों पहले ही इंदौर के एक रिटायर्ड अधिकारी को साइबर अरेस्ट कर लाखों रुपए की चपत लगाई गई थी जिसके बाद शुक्रवार को फिर से इस तरह का मामला सामने आया है. उज्जैन में एक रिटायर्ड अधिकारी को ही कुछ लोगों ने सीबीआई का अफसर बताकर फोन किया और इस बात पर धमकाया कि आपके आधार कार्ड से मुंबई की एचडीएफसी बैंक में एक खाता खोला गया है. जिससे करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है. जब साइबर ठगों को लगा कि रिटायर्ड अधिकारी घबरा चुके हैं और उनकी सभी बात मानने को तैयार है तो उन्होंने अधिकारी से अपने खाते में 50 लाख 71000 डलवाकर उन्हें लाखों रुपए की चपत लगा दी.
सेठीनगर के पास छाया नगर में रहने वाले एसबीआई के रिटायर्ड मैनेजर 65 साल के राकेश कुमार जैन और उनकी पत्नी के साथ यह वारदात हुई है. वृद्ध दंपती को दो दिन पहले साइबर अपराधी ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया और दो दिनों तक लगातार उन्हें अपनी बातों में उलझाए रखा. राकेश कुमार को आरोपी ने जमकर डराया धमकाया. साइबर अपराधी ने इन दो दिनों के अंदर वृद्ध दंपती के खातों से बंधन बैंक के खुद के खाते में 50 लाख 71000 रुपए ट्रांसफर करवा लिए. रुपए खाते में आने के बाद एक ही दिन में पूरी राशि निकाल ली गई. पीड़ित कुछ समझ पाते इसके पहले ही उन्हें 50 लाख 71000 की चपत लग चुकी थी.
बैंक से जब उन्हें जानकारी मिली कि उनके खाते से 50 लाख 71000 रुपए निकाले जा चुके हैं, इस पर वे तत्काल शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे. पुलिस ने मामला जांच में ले लिया और दंपती से पूरी जानकारी ली. जैन ने बताया कि अपराधियों ने दो दिन तक उन्हें अपनी बातों में उलझाए रखा. आरोपियों ने उन्हें खुद को CBI का अधिकारी बताकर तरह-तरह की बातों से डराया धमकाया और हर बार राशि अपने बंधन बैंक के खाते में जमा करवाई.
जैन के पास तीसरे दिन कोई फोन कॉल नहीं आया और जब बैंक से खबर मिली कि उनके खाते से 50 लाख 71000 रुपए निकाले जा चुके हैं तो वे बदहवास होकर बैंक पहुंचे. इसके बाद उन्हें ठगी का पता चला. इसके बाद माधवनगर थाने में जाकर शिकायत दर्ज की गई. सुबह एसपी प्रदीप शर्मा ने मीडिया को बताया कि शिकायत मिलने के बाद मामले में जांच की गई और बैंक अधिकारियों से इतनी बड़ी राशि किस खाते में ट्रांसफर करवाई गई, इस बारे में पता लगवाया तो बंधन बैंक का नाम सामने आया है. राशि आने के बाद एक ही दिन में पूरी राशि निकाल ली. अब मामला साइबर सेल को सौंप दिया गया है.