छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पुलिस ने बाहर से आए लोगों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है। रविवार सुबह कोतवाली पुलिस शहर के अलग-अलग मोहल्लों में दबिश देकर करीब 50 लोगों को थाने ले आए। यहां उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पुलिस अलर्ट मोड पर है और अब पुलिस ऐसे लोगों की जांच कर रही है, जो दूसरे राज्यों से आकर शहर में बिना वेरिफिकेशन के रह रहे हैं।
रविवार की सुबह कोतवाली पुलिस इंदिरा नगर और आसपास के मोहल्लों से करीब 50 लोगों को थाने ले आई। यहां सभी के आधार कार्ड, पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
बताया जा रहा है कि इसमें अधिकांश मुर्शिदाबाद और पश्चिम बंगाल के दूसरे जिले के लोग हैं, जो रायगढ़ में कमाने-खाने के लिए आए हुए हैं। अभी तक किसी संदिग्ध के नहीं मिलने की बात कही जा रही है।
थाना में नहीं कराते मुसाफिरी दर्ज
बताया जा रहा है कि शहर में कबाड़, भवन निर्माण और अलग-अलग कामों के लिए ठेकेदार दूसरे राज्यों से मजदूरों को ले आते हैं, लेकिन थाना में मुसाफिरी दर्ज नहीं कराते, न ही किसी तरह से पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाता है। इससे बाहरी राज्यों से आकर कई लोग यहां किराए में रहने लगे हैं।
इससे पहले 37 पकड़ाए थे
पुलिस ने 23 अप्रैल को ऐसे 37 लोगों को पकड़ा था, जो लंबे समय से अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे। पूंजीपथरा पुलिस ने 19 और कोतवाली पुलिस ने 18 लोगों पर कार्रवाई की थी।
जांच में सामने आया कि ये सभी किसी न किसी ठेकेदार के अंतर्गत काम कर रहे थे। जब थाने में मुसाफिरी दर्ज न होने और पहचान छुपाने की बात प्रमाणित हुई, तो इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि इनमें से अधिकांश पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों से हैं और ये चक्रधरनगर, पूंजीपथरा, गेरवानी, उर्दना और भैंसाकोठा जैसे क्षेत्रों में किराए के मकानों में रह रहे थे।
पुलिस जांच कर रही है
कोतवाली थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल ने बताया कि फिलहाल करीब 50 लोगों को थाने लाया गया है, जो बाहरी राज्यों से आकर शहर में रह रहे थे। इन सभी की जांच और दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अवैध रूप से तो नहीं रह रहा है।