उत्तर प्रदेश से अब तक 5600 लोगों को काम के लिए इजरायल भेजा गया है. इस बात की जानकारी यूपी के श्रम और रोजगार मंत्री अनिल राजभर ने शुक्रवार को विधानसभा में दी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक 5,600 श्रमिकों को इजरायल में रोजगार के लिए भेजा है, जबकि 5,000 और कामगारों को भेजने की प्रक्रिया जारी है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक प्रभु नारायण यादव के लिखित सवाल के जवाब में राजभर ने बताया कि इजरायल में काम कर रहे यूपी के श्रमिकों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
हर साल 1,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा भेज रहे यूपी के श्रमिक
मंत्री राजभर ने विधानसभा में बताया, ‘हमारे श्रमिक इजरायल में काम कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और हर साल लगभग 1,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा भेज रहे हैं.’ उन्होंने बताया कि इजरायल में 11,000 देखभाल (केयर गिवर) कर्मियों की मांग है, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है.
जर्मनी और जापान में भी यूपी के कामगारों की मांग
राजभर ने आगे कहा कि राज्य सरकार जर्मनी और जापान में भी यूपी के श्रमिकों को भेजने की तैयारी कर रही है. जर्मनी में 5,000 नर्सों की मांग है, जिनके लिए 2.5 लाख रुपये प्रति माह का वेतन पैकेज तय किया गया है. वहीं जापान में 12,000 देखभाल कर्मियों की मांग है, जहां 1.25 लाख रुपये प्रति महीने का वेतन दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इन मांगों को पूरा करने के लिए आवेदन प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित कर रही है.
राजभर ने कहा कि प्रदेश सरकार रोजगार मेले, सेवा मित्र प्रणाली, करियर काउंसलिंग और मैनपावर आउटसोर्सिंग के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) के साथ साझेदारी की है.
यूपी में कितने लोगों को मिली नौकरी ?
सपा विधायक प्रभु नारायण यादव ने सरकार से सवाल किया कि प्रदेश में 2022-23 और 2023-24 के दौरान इंटरमीडिएट, बीए, एमए, डिप्लोमा, बीटेक, एमटेक और पीएचडी स्तर के कितने शिक्षित बेरोजगार थे और कितनों को श्रम विभाग ने नौकरी दी?
इसके जवाब में श्रम मंत्री ने बताया कि पिछले दो सालों में 5,68,062 उम्मीदवारों ने रोजगार कार्यालयों में पंजीकरण कराया, जिनमें से 4,75,510 उम्मीदवारों को निजी क्षेत्र में रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरियां दी गई हैं.