इंदौर। साइबर अपराधी अब रैपिडो चालकों को भी ठगने से नहीं चूक रहे हैं। पिछले 15 महीने में 57 राइडर को निशाना बनाया गया है। उनसे 17 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी की गई है। क्राइम ब्रांच ने साइबर हेल्पलाइन और एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की संख्या देखकर एडवाइजरी जारी की है।
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक वर्ष 2024 में सबसे ज्यादा 50 शिकायतें दर्ज हुई हैं। आरोपितों ने 16 लाख 98 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है। साल 2025 में कुल सात शिकायतों में 33 हजार रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी मिली है।
34 प्रतिशत राशि बचाने में ही मिली सफलता
हालांकि पुलिस ने आवेदकों की 34 प्रतिशत राशि बचाने में सफलता हासिल की है। एडीसीपी के मुताबिक अधिकतर घटनाओं में ठगी का एक ही तरीका अपनाया गया है। साइबर अपराधी रैपिडो बुक कर राइडर को अलग-अलग अस्पतालों में बुला लेते हैं। उन्हें दोस्त, स्वजन व रिश्तेदार के भर्ती होने का बोलते हैं।
अस्पताल से छुट्टी होने की बात कहते हैं
उनसे कहते हैं कि मरीज की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है और उसे घर तक छोड़ना है। वह राइडर को एडवांस पेमेंट करने का झांसा देते हैं और एक डमी मैसेज उसके फोन पर आता है। मैसेज किराए से कई गुना ज्यादा का होता है। ठग घबराते हुए कहता कि भूल से ज्यादा राशि ट्रांसफर कर दी है। राइडर बैलेंस चेक नहीं करता और बगैर देर किए ठग को राशि लौटा देता है।
सावधान, जल्दबाजी में भरोसा न करें
एडीसीपी के मुताबिक सेल ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि अनजान व्यक्ति द्वारा काल कर बुलाने पर जल्दबाजी में भरोसा न करें। ऑनलाइन पेमेंट के टैक्स्ट मैसेज को ध्यान से पढ़ें और स्वयं का बैलेंस भी जांचें।