बिलासपुर में इंस्टाग्राम पर माफिया राज, हैबीचुअल ऑफेंडर, नाम बदनाम जैसी आईडी बनाने वाले बदमाशों पर पुलिस ने कार्रवाई की। सभी को थाने बुलाया गया, जिसके बाद उठक-बैठक कराकर उनसे माफी मंगवाई और उनका वीडियो अपलोड किया।
इस दौरान पुलिस ने उनकी आईडी बदल कर सुधार किया और पुलिस ने सिखाया जैसे नाम भी दिए। सभी को अन्य सोशल मीडिया माध्यमों में दबंगई और दहशत नहीं फैलाने का संकल्प भी दिलाया गया।
इसके अलावा दुर्ग जिले के 6 लड़कों को चाकू और तलवार के साथ सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर दबंगई दिखाना महंगा पड़ गया। दुर्ग पुलिस ने उन सभी को खोजकर गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजा।
बता दें कि प्रदेश भर में सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो डालकर दहशत फैलाने वालों के खिलाफ अभियान चल रहा है। रायपुर से लेकर भिलाई तक पुलिस ने इस मामले को लेकर कार्रवाई की है।
केस-1, बिलासपुर
बिलासपुर पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम को ऐसे कई इंस्टाग्राम प्रोफाइल मिले थे, जिनके माध्यम से अपराध, दबंगई के साथ ही डर और दहशत फैलाकर खुद का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। इन प्रोफाइलों में हजारों की संख्या में फॉलोअर्स थे, जिससे नकारात्मक प्रभाव समाज पर पड़ रहा था। ये हिंसक शब्दों और कंटेंट से हिंसा, दबंगई और आपराधिक मानसिकता को बढ़ावा दे रहे थे।
पुलिस ने इनकी पहचान कर सभी को पकड़कर थाने ले आई, जिसके बाद उनकी जमकर क्लास ली। सभी को उठक-बैठक कराया। सभी से माफी मांगते हुए वीडियो बनाई और अपने-अपने आईडी पर अपलोड कराया।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर यदि कानून व्यवस्था को चुनौती देने या हिंसा फैलाने के लिए किया गया तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। सभी युवकों के खिलाफ अलग से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की गई।
सिविल लाइन सीएसपी निमितेश सिंह ने कहा कि पुलिस ने लोगों से अपील किया है कि सोशल मीडिया का उपयोग यदि अपराध का प्रसार करने, हिंसा फैलाने, या कानून व्यवस्था को चुनौती देने के लिए किया गया, तो ऐसे व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों की जानकारी संबंधित थाना और साइबर सेल को कोई भी व्यक्ति दे सकता है।
केस-2, दुर्ग
दुर्ग जिले के 6 लड़कों को चाकू और तलवार के साथ सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर दबंगई दिखाना महंगा पड़ गया। दुर्ग पुलिस ने उन सभी को खोजकर गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजा।
एएसपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने सोशल मीडिया में तलवार, चाकू और अन्य हथियार लेकर पोस्ट करने पर नजर रखी जाए। यदि कोई ऐसा करते दबंगई करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
एसएसपी के निर्देश के बाद एसीसीयू और सभी थाने की गठित संयुक्त टीम ने सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर बनाई। इस दौरान उन्हें 3 बालिग और 3 नाबालिग सहित 6 लड़के फेसबुक और इंस्टा में चाकू और तलवार के साथ फोटो डाले हुए दिखे।
पुलिस ने सभी का पता और जानकारी जुटाई। इसके बाद उन सभी को उनके घर से गिरफ्तार कर थाने लगाया गया। इसके बाद उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
केस-3, रायगढ़
2 महीने पहले रायगढ़ में 2 युवक तलवार लेकर थाने पहुंच गए। इसके बाद रील बनाकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होने लगा। जब मामले की जानकारी पुलिस को हुई, तो पुलिस ने युवकों की क्लास लगा दी।
थाना के सामने युवकों को कान पकड़कर उठक-बैठक करवाया गया। मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक रामनवमी के दिन 2 युवक रील बनाने के चक्कर में चक्रधर नगर थाना पहुंच गए। युवकों ने अपने हाथों में खुली तलवार लेकर चलते हुए स्लो मोशन वीडियो बनाया।
युवकों की पहचान कर दोनों युवकों को थाना लाया गया। जहां उनसे पूछताछ करने पर युवकों ने बताया कि मौज-मस्ती के उद्देश्य से वीडियो बनाया था। पुलिस ने उन्हें समझाईश देते हुए भविष्य में ऐसा नहीं करने के लिए उठक बैठक कराई।
युवकों ने अपनी गलती की माफी मांगी। युवकों ने कहा कि हम पुलिस से माफी मांगते हैं और लोगों से अपील करते है कि कानून के साथ मजाक न करें। इसके बाद इंस्टाग्राम से पोस्ट को डिलीट कराया गया और उनके परिजनों की मौजूदगी में उन्हें छोड़ा गया।
केस 4- रायपुर
रायपुर पुलिस सड़क पर खड़े होकर न्यूसेंस फैलाकर सोशल मीडिया पर फोटो वीडियो अपलोड करने वालों के खिलाफ लगातार एक्शन मोड में है। रायपुर SSP लाल उम्मेद सिंह ने कुछ महीने पहले शहरभर के बदमाशों और हुडदंग मचाने वालों को गंज थाने में बुलाकर फटकार लगाई थी।
उन्होंने हिदायत देते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर हथियार के साथ फोटो अपलोड करने वालों पर भी सख्त एक्शन होगा। इसके अलावा इस मामले में एंटी क्राइम यूनिट के सोशल मीडिया पर नजर रखने वाली टीम को भी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर स्पेशल टीम की मॉनिटरिंग
दुर्ग में एसएसपी के निर्देश के बाद एसीसीयू (एंटी क्राइम यूनिट) और सभी थाने की गठित संयुक्त टीम सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं रायपुर और बिलासपुर में भी एक टीम सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही है। जो भी हथियार के साथ फोटो पोस्ट कर रहे हैं, उन्हें थाने बुलाया जा रहा है।
नकली हथियार के साथ फोटो डालने पर भी एक्शन
हथियार लेकर रील्स बनाने पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है, जिससे युवकों को जेल भी जाना पड़ता है। स्टूडेंट हैं तो उनके करियर पर असर पड़ सकता है। नकली वेपन के साथ फोटो वीडियो और रील्स बनाने पर भी वैधानिक कार्रवाई का प्रावधान है, क्योंकि, उनके इस तरह की हरकत को दहशतगर्दी माना जाता है। नकली हथियार के साथ वीडियो बनाने पर पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करती है।