तेजी से बढ़ती आबादी के बीच नौकरियों की इस कदर कमी हो गई है कि एक पोस्ट के लिए भी हजारों लोग उसे अप्लाई करने के लिए टूट पड़ते हैं. आपको ध्यान होगा, कुछ समय पहले पुणे से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वॉक इन इंटरव्यू के लिए तीन हजार से अधिक इंजीनियर्स की भीड़ उमड़ी थी. कुछ ऐसा ही नजारा पिछले साल हैदराबाद में भी देखने को मिला था. लेकिन क्या हो जब कोई 6 करोड़ की तनख्वाह और रहने के लिए फ्री में घर मिलने के बाद भी जॉब के लिए अप्लाई न करे. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में ऐसे ही एक जॉब ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. हालांकि, अब उसे कैंडिडेट मिल गया है.
news.com.au की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में कैराडिंग नाम का एक कस्बा है, जहां की अधिकांश आबादी किसानी पर ही निर्भर है. यहां कोई डॉक्टर नहीं है. चूंकि, यह कस्बा शहरों से काफी दूर दराज इलाके में स्थित है, इसलिए यहां कोई भी डॉक्टर आना नहीं चाहता. यहां एक जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी) था, जिसका पिछले साल मार्च में कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था. इसके बाद से कस्बे को कोई दूसरा डॉक्टर नहीं मिल रहा था.
ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने डॉक्टरों को कस्बे तक लाने के लिए एक मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (यानि लगभग 6 करोड़ रुपये) का पैकेज और फ्री में रहने के लिए चार कमरों का घर ऑफर किया, लेकिन इसके बावजूद किसी ने भी इसके लिए अप्लाई नहीं किया. वजह थी, कस्बे का राजधानी से 160 किमी दूर, वो भी दूर-दराज इलाके में होना.
आखिरकार जनवरी 2024 में तकरीबन 600 की आबादी वाले इस कस्बे को एक डॉक्टर मिल ही गया. स्थानीय पार्षद ने बताया कि लुभावने ऑफर के चलते कुछ लोगों ने अप्लाई किया था, जिसमें से जांच-परख के बाद एक का चयन किया गया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली डॉक्टरों की गंभीर कमी का सामना कर रही है. खासकर जनरल प्रैक्टिशनर्स के क्षेत्र में. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक 9,298 पूर्णकालिक जीपी की चिंताजनक कमी होगी, जो जीपी कार्यबल का 24.7% है. यही वजह है कि यहां डॉक्टरों को लुभाने के लिए मोटी सैलरी ऑफर की जा रही है.