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छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के 6 सदस्यों को सजा:दुकान में घुसकर मारपीट और उगाही करने वालों को 7 साल की जेल; 500 रुपए जुर्माना

जांजगीर-चांपा जिले में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के छह सदस्यों को 7 साल की सजा हुई है। 4 साल पहले आरोपियों ने एक दुकान में घुसकर दुकानदार से 1 लाख की मांग की, पैसे नहीं देने पर झूठे मामले में फंसाकर बदनाम करने की धमकी देते हुए मारपीट की थी।

मामला बम्हनीडीह थाना क्षेत्र का है। आरोपियों लाठी डंडे लेकर दुकान में घुसे थे। दुकान में लूटपाट और उगाही के मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने सभी आरोपियों पर 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

ये है पूरा मामला

घटना 27 अगस्त 2021 की है। व्यापारी आनंद अग्रवाल की दुकान में 15-20 लोग घुसे। जिनके पास लाठी, गुप्ती आदि थे। उन्होंने खुद को छत्तीसगढ़ क्रांति सेना का नेता बताया और व्यापारी से एक लाख रुपए की मांग की।

नहीं देने झूठे मामले में फंसाकर बदनाम करने की धमकी दी और आनंद अग्रवाल के साथ मारपीट की और उनकी दुकान से कीटनाशक दवाइयां अपने साथ ले गए। बीच-बचाव करने आए 4 अन्य लोगों को भी मारा। पीड़ित की शिकायत के बाद मामला तब से कोर्ट में चल रहा था।

आरोपियों ने जमानत के लिए अर्जी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जेएस पटेल के पास जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। इस मामले में शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता संतोष गुप्ता ने तर्क देते हुए जमानत का विरोध भी किया था।

पुलिस विभाग में भी हुआ था फेरबदल

इस मामले में घटना के बाद थाना में दर्ज अपराध के कारण पुलिस विभाग में कुछ फेरबदल भी हुआ था। जिसके कारण उस वक्त प्रभार पर रहीं एसडीओपी को हटाकर उनके स्थान पर एसडीओपी चंद्रशेखर परमा को बम्हनीडीह-बाराद्वार थाना का प्रभारी बना दिया गया था।

मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद 7 सितंबर 2021 को जांजगीर जिला मुख्यालय में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने उग्र प्रदर्शन किया।

इन आरोपियों को सजा

दोषी करार दिए गए आरोपियों में भूपेन्द्र रात्रे (31), लक्की वर्मा (29), तरुण कुमार (23), कृपाण बघेल (26), भोला कश्यप (29) और रामपल कश्यप (24) शामिल हैं। सभी को भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 452, 323, 386 और 397 के तहत दोषी पाया गया है।

इसके अतिरिक्त, भोला कश्यप को आयुध अधिनियम की धारा 25(1)(1-ख) के तहत भी तीन साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास और जुर्माना भुगतना होगा। इस गंभीर मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी), न्यायालय जांजगीर ने की, जबकि अभियोजन पक्ष की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक योगेश गोपाल ने की।

 

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