फिल्मी अंदाज में 6 लुटेरों ने बैंक लूटा, 24 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ

जबलपुर : जिला मुख्यालय से महज 42 किलोमीटर दूर सिहोरा के खितौला थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह हुई सनसनीखेज बैंक डकैती ने पूरे जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.छह हथियारबंद लुटेरे खुलेआम बैंक में घुसे, कट्टे की नोक पर 14 किलो 873 ग्राम सोना (कीमत करीब 14 करोड़ रुपये) और 5 लाख 9 हजार रुपये कैश लूटकर फिल्मी अंदाज में फरार हो गए और पुलिस के 24 घंटे बाद भी खाली हाथ है.
आईजी-कप्तान का दौरा, तीन दिशाओं में सर्च-
घटना के अगले दिन जबलपुर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा, एसपी संपत उपाध्याय और एसडीओपी सिहोरा प्रशिक्षु आईपीएस आदित्य सिंघारिया ने घटनास्थल का निरीक्षण किया.टीम सिहोरा से मझौली तक पहुंची, जहां लुटेरों की आखिरी लोकेशन मिली.यहां से तीन रास्ते निकलते हैं जो बचैया, गुबरा-दमोह और कटंगी। पुलिस ने इन तीनों रूट पर नाकेबंदी और तलाशी तेज कर दी है.
कैती का घटनाक्रम लूट और दबंगई-
सोमवार सुबह बैंक खुलते ही छह लुटेरे अंदर घुसे। पहले उन्होंने कर्मचारियों को धमकाकर बैग में सोना भरवाया, लेकिन उनकी धीमी रफ्तार देख खुद तेजी से जेवर समेटने लगे। निकलते समय उनकी नजर कैश काउंटर पर पड़ी और वे 5 लाख रुपये कैश भी साथ ले गए. वारदात के दौरान बैंक में कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था, न ही चैनल गेट जैसी बुनियादी व्यवस्था.
सुरक्षा में लापरवाही, खुली छूट लुटेरों को-
चौंकाने वाली बात यह है कि करोड़ों रुपये का सोना बैंक में मौजूद था, फिर भी सुरक्षा इंतजाम लगभग शून्य थे.मुख्य सड़क पर स्थित बैंक में लुटेरे बिना किसी रोक टोक के घुसे और वारदात के बाद उतनी ही आसानी से बाहर निकल गए. यह बैंक प्रबंधन की गंभीर लापरवाही है, जिसने लुटेरों को खुली छूट दी.
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फुटेज, हेलमेट और संदिग्ध पर फोकस-
क्राइम ब्रांच और 15 थानों की संयुक्त टीम अब तक 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है.लेकिन सभी लुटेरे हेलमेट पहने थे, जिससे चेहरे पहचानना मुश्किल हो रहा है.पुलिस ने सिहोरा और जबलपुर की उन दुकानों में पूछताछ शुरू की है, जहां हाल ही में एक साथ कई हेलमेट खरीदे गए हों। दुकानों में लगे सीसीटीवी से भी सुराग तलाशे जा रहे हैं.
बीमा और अंदरूनी भूमिका पर शक-
पुलिस जांच में पता चला है कि लॉकर में रखा सोना ग्राहकों का था, जिसके बदले उन्हें लोन दिया गया था, और कुछ ने सुरक्षा के लिए सोना जमा किया था.पूरे सोने का बीमा कराया गया था। पुलिस अब बैंक कर्मियों की भूमिका और संभावित अंदरूनी मिलीभगत की जांच कर रही है, क्योंकि इतनी बड़ी डकैती बिना अंदरूनी जानकारी के मुश्किल मानी जा रही है.
जवाबदेही पर चुप्पी, जनता में आक्रोश-
वारदात ने आम लोगों के मन में गहरा डर बैठा दिया है.लोग पूछ रहे हैं करोड़ों का सोना रखने वाला बैंक बिना सुरक्षा कैसे चल रहा था? और पुलिस की नाक के नीचे लुटेरे कैसे निकल गए? प्रशासन और बैंक प्रबंधन की चुप्पी इन सवालों को और भारी बना रही है.
पुलिस कप्तान संम्पत उपाध्याय कहना
लुटेरों को दबोचने के लिए सघन ऑपरेशन चल रहा है.गैंग पेशेवर है जिसने बैंक की पूरी रैकी उपरांत वारदात को अंजाम दिया है.कुछ अहम सुराग हाथ लगे है जिनकी तस्दीक चल रही है.अभी फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
संपत उपाध्याय, पुलिस कप्तान.
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